कोलकाता नाइट राइडर्स से पंजाब किंग्स इलेवन के मुकाबले के वक्त टीम की मालकिन प्रिटी जिंटा वैष्णो देवी में थी। प्रिटी माता के दरबार में मत्था टेकने गई थी तो वहीं मोहाली में उनकी टीम ने कोलकाता को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया। यह आस्था की जीत है या फिर महेला के बल्ले की जितनी मुंह उतनी बातें हो सकती है। इन सबके बीच पंजाब की जीत से एक संयोग भी जुडा हुआ है। वह है प्रिटी जिंटा की मोहाली में गैर मौजूदगी। आईपीएल के इस सीजन में यह पहला मौका है जब प्रिटी खिलाडियों की हौंसला अफजाई के लिए मैदान पर मौजूद नहीं थी। वहीं यह पहला मुकाबला था इस सीजन का जिसमें किंग्स इलेवन ने विरोधी टीम को एकतरफा मुकाबले में शिकस्त दी हो। इस सीजन में किंग्स इलेवन के खाते में आई यह दूसरी जीत है। इसके पहले टीम को केवल एक मुकाबले में जीत नसीब हुई थी। वह भी चेन्नई सुपर किंग्स के बल्लेबाजों की मेहरबानी से।
आईपीएल के इस सीजन में पहले दो शतकवीरों पर किसी को कोई अचरज नहीं हुआ। यूसुफ पठान और वार्नर से टी20 में ऐसी ही विस्फोटक पारी की उम्मीद की जाती है। वह एक तरह से इसी फार्मेट के लिए बने है। इसके बाद आया मुरली विजय का शतक और इस सूची में चौथा नाम महेला जयवर्धने का है। महेला के बल्ले से देर से निकला यह शतक फटाफट क्रिकेट में उनकी सबसे बेहतरीन पारी थी। महेला बल्लेबाजी शैली में उसी स्कूल के विद्याथी है जिसमें उनके सहपाठी वीवीएस लक्ष्मण, राहुल द्रविड और युसूफ योहना सरीखे बल्लेबाज है। यह सभी परंपरागत तरीके से क्रिकेट खेलते है। महेला ने भी कापी बुक स्टाइल शॉट्स खेलकर शतक जमाया। महेला उन चंद बल्लेबाजों में शामिल है जो यदि फार्म में होते है तो उन्हें खेलते देखना एक आत्मिक अनुभूति होती है।
वहीं इसके पहले एक और विस्फोटक बल्लेबाज आईपीएल में शतक जमाने से चूक गया। क्रिस गेल पावर हिटर है। ईडन गार्डन का मैदान उनके पावर से दहल उठा। 42 गेंदों पर 88 रनों की उनकी पारी ने कोलकातावासियों को झूमने पर मजबूर कर दिया। गैल ने बोपारा के एक ओवर में 33 रन बनाए तो जश्न ऐसा मना की कोलकाता ने मुकाबला जीत लिया हो। उनकी यह पारी गेंदबाजों की नाकामी की वजह से धूमिल हो गई। कोलकाता का कोई भी गेंदबाज प्रभावी नजर नहीं आया। पावर हिटिंग पर महेला की कलात्मता भारी पडी।
पंजाब किंग्स इलेवन के पास अब इस टूर्नामेंट में अपना आत्मसम्मान बचाए रखने के अलावा कुछ नहीं बचा है। यह टीम सेमीफायनल की दौड से बाहर हो गई है, बावजूद इसके यह टीम अब कई टीमों को भी इस दौड से बाहर कर सकती है। कोलकाता के खिलाफ इस जीत से मिले दो अंकों से किंग्स इलेवन की स्थिति में कोई बदलाव नहीं आएगा लेकिन यही हार कोलकाता की मुश्किले बढा सकती है। पिछले साल कोलकाता कुछ इसी हालत में था और उसने राजस्थान रॉयल्स को हराकर उसके सेमीफायनल के रास्ते बंद कर दिए थे। पिछली बार कोलकाता के खिलाडियों की जुबां पर था हम तो डूबेंगे सनम तुम्हें भी साथ लेकर डूबेंगे और इस बार किंग्स इलेवन के खिलाडी यह गुनगुना रहे है।
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