कैरेबियन आंधी

मुंबई इंडियंस और बेंगलुरू रॉयल चैलेंजर्स के खिलाफ डीवाय पाटिल स्‍टेडियम पर सेमीफायनल मुकाबला शुरू होने में ही था। मुकाबले को लेकर बेसब्री थी ही और मुंबई के पहले बल्‍लेबाजी करने की वजह से उत्‍सुकता जरा ज्‍यादा ही थी। मेरा सारा ध्‍यान मुकाबले की और था और उसी वक्‍त छोटे शहर से भोपाल में कुछ बडा करने की तमन्‍ना लिए आए एक मीडिया साथी दुखी था अपने संस्‍थान में हुए बदलाव से। सहानुभूति भरे मेरे लफ्जों का उस पर कोई खास असर नहीं पड रहा था। जो काम मैं नहीं कर सका वह टाटा शहर जमशेदपुर के फौलादी इरादों वाले सौरभ तिवारी ने कर दिखाया। आईपीएल के पहले गुमनाम सौरभ तिवारी ने आईपीएल के सेमीफायनल जैसे बडे मौके मुश्किल हालातों में एक जबर्दस्‍त पारी खेली। छोटे शहर से आए तिवारी ने जिस तरह से दुनिया के मंच अपना नाम रोशन किया। तिवारी की इस पारी ने केवल मुंबई को नहीं बल्कि विपरीत हालत झेल रहे मीडिया साथी को उनकी सफलता ने अवसाद से उबार दिया।
डीवाय पाटिल स्‍टेडियम पर सचिन तेंदुलकर ने डेल स्‍टेन की गेंद पर दो चौके जमाकर जोरदार आगाज किया। स्‍टेडियम सचिन सचिन के शोर से गुंज रहा था। क्रिकेट प्रेमियों को सचिन से फिर एक बडी पारी की उम्‍मीद जगी लेकिन स्‍टेन ने सचिन को आउट कर मुंबई की उम्‍मीदों को करारा झटका दिया। मुंबई के लिए फायनल  एक तरह से दूर होता दिखने लगा। सौरभ तिवारी ने ऐसे मौके पर मोर्चा संभाला जब स्‍टेडियम पर सन्‍नाटा पसरा हुआ था। ऐसे विपरीत हालातों में मुंबई को मुसीबत से उबारा सौरभ तिवारी ने। दक्षिण भारतीय अंबाटी रायडू के साथ मिलकर इस उत्‍तर भारतीय बल्‍लेबाज ने मुंबईवासियों के दिल पर एक बार फिर राज किया। खासतौर पर सौरभ तिवारी ने इस आईपीएल में अपनी सर्वश्रेष्‍ठ पारी खेली। रायडू ने उनका बखूबी साथ दिया और बेंगलुरू के गेंदबाजी अटैक की इन दोनों के सामने एक भी नहीं चली।
सौरभ तिवारी की तरह आईपीएल के सबसे महंगे खिलाडी केरान पोलार्ड ने भी मानों बडे मुकाबलों के लिए अपने करिश्‍मे को बचाकर रखा था। लीग मुकाबलों में कोई खास प्रदर्शन नहीं करने की वजह से पोलार्ड सवालों के कटघरे में खडे थे। मुंबई इंडियंस के लिए वह एक महंगा और गलत सौदा साबित हो रहे थे। पोलार्ड ने बेंगलुरू के खिलाफ अपनी पारी से आलोचकों की बोलती बंद कर दी। डीवाय पाटिल स्‍टेडियम पर पोलार्ड जब बल्‍लेबाजी करने आए तो उमस भरी शाम थी और जब मुकाबला खत्‍म हुआ तो बेंगलुरू टीम के खिताब जीतने के ख्‍वाब कैरिबियन आंधी में उड गए। बल्‍लेबाजी के बाद गेंदबाजी में भी यह पोलार्ड का दिन था। बिग हिटर बल्‍लेबाज ने गेंदबाजी से तीन बडे हिटरों का शिकार किया। रॉबिन उत्‍थपा, विराट कोहली और मनीष पांडे तीनों को पोलार्ड ने आउट किया।

बेंगलुरू की बैटिंग लाइन के बडे नाम अपने ख्‍याति के हिसाब से परफार्म कर रहे थे। ऐसे में एक वक्‍त यह टीम अपराजेय लग रही थी। यही बैटिंग लाइन सीजन के अंत में आते आते बडे मुकाबलों में नाकाम साबित हुई। पोलार्ड के जादू के बावजूद ऐसा नहीं था कि बेंगलुरू की टीम इस मुकाबले को जीतन नहीं सकती थी। टूर्नामेंट की सबसे सशक्‍त बल्‍लेबाजी वाली इस टीम की बल्‍लेबाजी में काफी गहराई थी।  कैलिस, द्रविड और पीटरसन ने आगाज तो अच्‍छा किया था लेकिन इसके पहले कोई कमाल दिखा पाते उसके पहले पैवेलियन लौट गए। लगातार दूसरी बार बेंगलुरू की टीम खिताब के नजदीक पहुंच कर भी उसे हासिल नहीं कर पाई।

अनिल कुंबले अमूमन क्रिकेट के मैदान पर अपनी नाकामी या निराशा को जताते नहीं है। मुंबई के खिलाफ मुकाबले में अनिल कुंबले की निराशा साफतौर पर झलक रही थी। अनिल कुंबले इस आईपीएल के सबसे किफायती गेंदबाज साबित हुए है। सेमीफायनल के निर्णायक मौके पर टीम को उनसे उम्‍मीद थी लेकिन जंबो नाकाम रहे। अनुशासित गेंदबाजी करने वाले अनिल कुंबले ने नो बॉल भी की और अहम मौके पर बल्‍लेबाजों को आजादी से रन बनाने का मौका भी उन्‍होंने दे दिया। कुंबले अपने व्‍यक्तिगत प्रदर्शन से तो निराश थे ही अंतिम ओवरों में बाकी गेंदबाजों भी बल्‍लेबाजों पर लगाम कसने में नाकाम रहे।
मुंबई के लिए फायनल में पहुंचने की खुशी के साथ एक बडा झटका भी इस मुकाबले से लगा है। मुंबई को पहली बार आईपीएल के फायनल में पहुंचाने वाले सचिन की अंगुली में चोट लग गई है। शुरूआती ओवर में ही सचिन चोट की वजह से मैदान के बाहर हो गए। सचिन को लेकर मुंबई टीम के साथ साथ उनके करोडों क्रिकेट प्रेमी भी इस चोट को लेकर चिंतित नजर आए। आईपीएल में सबसे ज्‍यादा रन बनाकर आरेंज कैप हासिल करने वाले सचिन की गैर मौजूदगी से मुंबई को करारा झटका लग सकता है। रविवार को छुट्टी का दिन आईपीएल का अंतिम दिन होने के साथ साथ सबसे बडा दिन भी है। इस बडे मुकाबले से सचिन की छुट्टी हुई तो फायनल से मुंबई की छुट्टी हो सकती है।

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