सिंग इज किंग

सचिन तेंदुलकर और हरभजन सिंह के क्रिकेट के मैदान पर खुशियां को इजहार करने के तरीके में जमीन आसमान का अंतर है। रविवार को डीवाय पाटिल मैदान पर दोनों का किरदार कुछ बदला हुआ नजर आया। सचिन ने हरभजन की गेंद पर गिलक्रिस्‍ट का एक मुश्किल कैच पकडा। इस कैच को पकडने के बाद सचिन ने कुछ उसी अंदाज में मैदान के चक्‍कर काटे जिस तरह हरभजन किसी महत्‍वपूर्ण विकेट लेने के बाद करते है। वहीं अब तक आईपीएलल में अपनी बल्‍लेबाजी से मुंबई को अहम मुकाबलों में जीत दिलाने वाले सचिन का बल्‍ला ब्रेबोर्न स्‍टेडियम पर एक नहीं बल्कि दो बार चला। पहले उन्‍होंने अर्धशतकीय पारी खेली तो बाद में इसी बल्‍ले से हरभजन ने मुंबई का बेडा पार लगाया। मुंबई की इस पारी में सबसे धमाकेदार बल्‍लेबाजी हरभजन सिंह की रहीं। यह पारी जिस बल्‍ले से निकली वह सचिन तेंदुलकर का था, जो उन्‍होंने खासतौर पर बल्‍लेबाजी करने के पहले हरभजन को दिया था।

हरभजन सिंह जब मैदान में होतो बल्‍लेबाज के बेट और पैड को चीरती हुई स्‍टंप बिखरने की आवाज उन्‍हें और भारतीयों को सबसे ज्‍यादा मीठी सुनाई देती है। कुछ ऐसी ही मिठास मुंबई के डीवाय पाटिल स्‍टेडियम पर भी सुनाई दी। हालांकि मिठास की वजह हरभजन सिंह की गेंदबाजी नहीं बल्कि उनकी बल्‍लेबाजी थी। हरभजन ने 18 गेंदों पर आठ चौके और दो छक्‍के जडे। बल्‍ले से निकला हर स्‍ट्रोक्‍स मिठास भरा था। हरभजन ने मैदान के चारों और रनों की बरसात कर दी। हरभजन की बल्‍लेबाजी का राज बल्‍ले में छुपा था जो टीम के कप्‍तान सचिन तेंदुलकर का था। क्रिकेट के महानतम चित्रकार की कूची से हरभजन ने एक ऐतिहासिक पोट्रेर्ट रच डाला।

मुंबई ने अंतिम चार ओवरों में 62 जुटाए। डेढ सौ रनों के लिए जुझ रही टीम 172 तक पहुंच गई। इन चार ओवरों ने डेक्‍कन के आत्‍मविश्‍वास को हिलाकर रख दिया। डेक्‍कन टीम प्रबंधन गेंदबाजों के अंतिम पांच ओवरों में रन लुटाने को लेकर बेहद चिंतित है। टीम शुरूआत तो बेहतर तरीके से करती है। चमिंडा वास जब तक टीम का हिस्‍सा रहें वह और प्रज्ञान ओझा पहले दस ओवरों में विकेट लेकर विरोधी टीम पर शिंकजा कसते है। आखरी के पांच ओवरों सब कुछ चौपट हो जाता है। टी20 मुकाबले में अंतिम पांच ओवर ही डेक्‍कन की हार की इबारत लिख रहे है।

सचिन तेंदुलकर इस आईपीएल में गेंदबाजों को किसी तरह की रियायत देने के मूड में नहीं दिख रहे है। मास्‍टर ने एक और अर्धशतक जमाया और तेज गति से रन जुटाए। उन्‍होंने बेहद खूबसूरत अंदाज में टीम की पारी को आकार दिया, लेकिन उन्‍हें दूसरे छोर से कोई मदद नहीं मिली। सचिन की पारी में एक बार फिर केवल और केवल कलात्‍मकता थी। उन्‍होंने कोई छक्‍का नहीं जमाया लेकिन गेंदबाजों के पेस और टायमिंग का बखूबी इस्‍तेमाल कर उन्‍होंने चौके जमाने में कोई कोताही ही नहीं बरती।

संडे का दिन हरभजन के लिए सुपर संडे साबित हुआ। बल्‍लेबाजी के अलावा उनकी गेंदों ने भी डेक्‍कन चार्जर्स पर कहर बरपाया। गिलक्रिस्‍ट को पारी की दूसरी ही गेंद पर ही उन्‍होंने चलता कर दिया। डेक्‍कन ने अपने कप्‍तान का विकेट खोया तब तक टीम का खाता भी नहीं खुल पाया था। हरभजन सिंह के अलावा मलिंगा और जहीर खान भी अपने पूरे रंग में थे तो विरोधी टीम की हालत क्‍या हुई होगी इसका अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है। तीनों की तिकडी ने तीन तीन विकेट लेकर डेक्‍कन चार्जर्स की कमर तोड कर रख दी।

रोहित शर्मा ने मानों टी20 वर्ल्‍ड कप में अपने सिलेक्‍शन को लेकर सवाल उठा रहे आलोचकों की बोलती अपने बल्‍ले से बंद करने की ठान ली है। लगातार दूसरे मैच में उन्‍होंने एक बेहतरीन पारी खेली। मुंबई का ये बंदा डेक्‍कन के लिए अकेले मोर्चा लडाता रहा। वह जब तक विकेट पर थे जीत की उम्‍मीद जगाए रहे। दूसरे छोर से लगातार विकेट गिरते जा रहे थे ऐसे में रोहित के प्रयास एकाकी साबित हुए।

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