देवभूमि में ज्‍वालामुखी

आइसलैंड में ज्‍वालामुखी में विस्‍फोट की वजह से दुनिया भर में हवाई उडानों पर असर पडा है। सभी दूर अफरातफरी मची हुई है और लोग इस मुसीबत से खुद को कैसे बाहर निकाले यह उन्‍हें समझ में नहीं आ रहा है। आइसलैंड से सुदूर देवभूमि धर्मशाला में भी पहली बार लावा फूटा। यह लावा जस्‍बातों का था और इसकी तपिश का शिकार आम लोगों पर नहीं बल्कि एक बेहद खास और खूबसूरत बॉलीवुड अदाकारा प्रिटी जिंटा और उनकी टीम बनी। क्रिकेट के मैदान पर ज्‍वालामुखी फूटे या भूकंप आ जाए एक खिलाडी कभी भी संयम नहीं खोता है। खुशी का इजहार हो या फिर आक्रोश को जताने का यह खिलाडी हर हालात में चेहरे पर एक जैसे भाव लिए होता है। यहां तक की टी20 वर्ल्‍ड कप के खिताब पर कब्‍जा जमाने के बाद भी धोनी ने इस तरह सेलिब्रेशन और अपनी भावनाओं का इजहार नहीं किया।

धर्मशाला में धोनी ने बता दिया कि क्‍यों उन्‍हें ग्रेट फिनिशर कहां जाता है। उन्‍होंने अपनी टीम को बेहद विपरीत हालातों में जीत दिलवाई है। अंतिम पांच ओवरों में चेन्‍नई के लिए सेमीफायनल में पहुंचने के रास्‍ते बंद होते दिख रहे थे। इसी मौके पर धोनी को खोया फार्म मिला और कप्‍तानी ने जिम्‍मेदारी भरी पारी खेलते हुए लगातार तीसरी बार टीम को सेमीफायनल में पहुंचा दिया। इरफान पठान के अंतिम ओवर में जीत के लिए 16 रनों की जरूरत थी। लीग के पहले मुकाबले में भी दोनों टीमों के बीच नतीजा पठान के अंतिम ओवर से ही तय हुआ था। उनके जादुर्द ओवर से सुपर ओवर में मुकाबला पहुंच गया था और पंजाब ने सीजन की पहली जीत हासिल की थी। यहां पठान के ही ओवर में धोनी की जादुई बल्‍लेबाजी से किंग्‍स इलेवन को सीजन के आखरी मुकाबले में हार नसीब हुई। पंजाब का पलडा भारी नजर आ रहा था और मुकाबला रोमांचक अंत की और बढने की उम्‍मीद थी लेकिन धोनी ने चार गेंदों में ही काम तमाम कर दिया।

प्रिटी जिंटा पिछले तीन सालों से क्रिकेट से जुडी है। खेल के बेहद बारीक पहलूओं के बारे में उन्‍हें भले ही जानकारी न हो लेकिन वह अब इतना क्रिकेट तो जानती है कि कौन से कैच को लपका जा सकता था और गेंदबाज। यही वजह है कि धर्मशाला के खूबसूरत स्‍टेडियम में उनके चेहरे पर गुस्‍सा और निराशा साफ देखी जा सकती थी। अंतिम दो ओवरों में कप्‍तान संगकारा के कैच छोडने और मिस फील्डिंग के साथ साथ पठान की गेंदबाजी ने प्रिटी के सीजन कुल मिलाकर ऑल इज नॉट वेल साबित हुआ।
पंजाब किंग्‍स इलेवन के बल्‍लेबाजों की नींद अब जाकर टूटी है। पहले गैरजिम्‍मेदाराना खेल दिखाने वाले बल्‍लेबाज अब जमकर रन बना रहे है। जयवर्धने और संगकारा के बाद अब जलवा बिखेरने की बारी शॉन मार्श की थी। इरफान पठान गेंदबाजी में भले ही नाकाम साबित हो रहे हो लेकिन बल्‍ला उनका भी बोल रहा है। युवराज ने जरूर फिर निराश किया लेकिन पंजाब के लिए अब ऐसी पारियों के कोई मायने नहीं है। टीम के लिए यह सीजन का अंतिम मुकाबला था। टीम निराश सीजन का अंत जीत के साथ करना चाहती थी लेकिन न तो आत्‍मसम्‍मान बचा और नहीं जीत की खुशी लौट कर आई।

चेन्‍नई सुपर किंग्‍स आईपीएल के तीनों सीजन में सेमीफायनल में पहुंचने वाली पहली टीम बन गई है। पहले दो मौकों पर यह टीम शुरूआत से ही सेमीफायनल की और मजबूती से कदम बढा रही थी। इस सीजन में जरूर टीम झटके खाते खाते सेमीफायनल में पहुंची है। अब धोनी बिग्रेड के लिए केवल यही मुकाबला करो या मरो नहीं था। अगले दोनों मुकाबले नॉक आउट रहेंगे। सेमीफायनल में जीत मिलती है तो खिताबी दौड में यह टीम बनी रहेगी लेकिन यदि यहां शिकस्‍त मिलती है तो चैम्पियंस लीग की पात्रता के लिए सेमीफायनल हारने वाली दूसरी टीम से जोरआजमाइश करना होगी।


अंत में एक बेहद दिलचस्‍प ले‍किन जमीनी खिलाडी से जुडी बात। बौध धर्म में पांव छूने की कोई रवायत नहीं है लेकिन धोनी ने दलाई लामा के आगे श्रद्धा से दंडवत हो गए। दलाई लामा के साथ मौजूद प्रिटी जिंटा ने भी मजाकिया अंदाज में धोनी को उनके पांव छूने के लिए कहां, धोनी हल्‍की से मुस्‍कुराहट लिए आगे बढ गए। यह केवल एक क्षणिक मजाक था लेकिन मैच का अंत हकीकत था। झारखंड के इस लडाके ने किंग्‍स इलेवन को खुद के सामने नतमस्‍तक होने के लिए मजबूर कर दिया। हाड लक किंग्‍स इलेवन पंजाब। बेटर लक नेक्‍स्‍ट टाइम।

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