'स्‍टेन'गन पर भारी जोधपुर एक्‍सप्रेस

जोधपुर की पहचान अब तक खूबसूरती और पर्यटन केन्‍द्र के रूप में ही होती थी। मरूस्‍थली से किसी क्रिकेटर के इंटरनेशल क्रिकेट पटल पर चमकने को मृग मरीचिका के अलावा कुछ नहीं माना जाता था। नागपुर के क्रिकेट मैदान से जोधपुर का नाम क्रिकेट जगत की सुर्खियों में आ गया है। हरमीत सिंह के रूप में एक गेंदबाज ने भी इस शहर को पहचान दिला दी है। उन्‍होंने इस मुकाबले में अहम मौके पर कसावट भरी गेंदबाजी की और एक ऐसा मुकाबला जो रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू के पक्ष में जा रहा था अचाकन से डेक्‍कन के पहलू में आ गया। 2009 के फायनल और सेमीफायन मुकाबलों में भी उन्‍होंने बेहतर प्रदर्शन किया था लेकिन सुर्खियों में बना बेंगलुरू के खिलाफ उनका प्रदर्शन। हरमीत के अलावा विश्‍वसनीय प्रज्ञान ओझा ने बार फिर गजब की गेंदबाजी की। ओझा ने बेंगलुरू के दो सबसे खतरनाक बल्‍लेबाज कैलिस और कोहली का विकेट हैरिस के आने से गेंदबाजी विभाग में डेक्‍कन मजबूत हुई है तो आर पी सिंह भी लय में नजर आ रहे है। ऐसे में कमजोर सा लगने वाला डेक्‍कन का गेंदबाजी पक्ष अब अचानक से मजबूत नजर आ रहा है।

आईपीएल सीजन 3 के उद्घाटन समारोह में गत विजेता डेक्‍कन चार्जर्स के कप्‍तान ऐडम गिलक्रिस्‍ट बेहद उत्‍साहित नजर आ रहे थे। इस मौके पर गिलक्रिस्‍ट ने दो खिलाडियों का जिक्र करते हुए उनसे काफी उम्‍मीदें होने की बात कही थी। इनमें से एक अनिरूद्ध सिंह शुरूआती असफलताओं के बाद डग आउट की शोभा बढा रहे है। वहीं भोपाल के मोहनीश मिश्रा भी नाकामी के दौर से गुजरे लेकिन कप्‍तान का विश्‍वास उन पर बना रहा। कप्‍तान का यह विश्‍वास 46 वे मुकाबले में जाकर सही साबित हुआ। मोहनीश मिश्रा की शानदार पारी की बदौलत डेक्‍कन चार्जर्स की टीम ने बेंगलुरू के खिलाफ जीत का दम भरा है। मोहनीश की इस पारी ने डेक्‍कन के सेमीफायनल में पहुंचने की उम्‍मीदें कायम रखी है।

मोहनीश की पारी से उम्‍मीद थी कि वह आईपीएल में अपना पहला अर्धशतक बनाने में कामयाब रहेंगे, लेकिन एक असंभव रन के लिए वह दौड पडे। उन्‍हें इसका खामियाजा भुगतना पडा। वहीं रोहित शर्मा के बारे में क्‍या कहां जाए। आईपीएल ने ही उन्‍हें सितारा हैसियत दिलाई है। उन्‍होंने इस सीजन में भी अपनी छबि को निखारने का ही काम किया है। शुरूआती झटकों के बाद भी उन्‍होंने खुद पर दबाव को हावी नहीं होने दिया। आक्रमण को ही बेस्‍ट डिफेंस पॉलिसी बनाकर वह विरोधी गेंदबाजों पर टूट पडे। उन्‍हें मोहनीश के रूप में एक अच्‍छा साझेदार मिला। दोनों ने डेक्‍कन को लगभग सेमीफायनल की दौड से बाहर होते होते बचा लिया।

मोहनीश और रोहित शर्मा ने ऐसे वक्‍त मोर्चा संभाला था जब डेरेल स्‍टेन की गेंदे कहर बरपा रही थी। पहले ही ओवर में दो विकेट लेकर उन्‍होंने डेक्‍कन को बैकफुट पर ला दिया था। रॉयल चैलेंजर्स इन झटकों से उबर पाती इसके पहले गिब्‍स को बोल्‍ड कर स्‍टेन ने बेंगलुरू की कमर तोड कर रख दी। विनय कुमार ने भी कसावट भरी गेंदबाजी की। उन्‍होंने तीन ओवरों में 19 रन दिए। यह समझ से परे है कि कैलिस के महंगे साबित होने के बाजवूद क्‍यों कप्‍तान कुंबले ने विनय कुमार से पूरे ओवर नहीं कराए। इसके बावजूद बेंगलुरू के गेंदबाजों ने टीम को ऐसी दहलीज पर ला खडा कर दिया था जहां से मजबूत बैटिंग लाइन अप वाली यह टीम जीत के ख्‍वाब देख सकती थी।

इस पूरे सीजन में बल्‍लेबाजी बेंगलुरू का मजबूत पक्ष रहा है, लेकिन इस मुकाबले में टीम अंतिम मौके पर जाकर लडखडा गई। मनीष पांडे की नाकामी का सिलसिला इस मुकाबले में भी जारी रहा तो कैलिस भी बडी पारी नहीं खेल पाए। द्रविड ने उत्‍थपा को साथ में लेकर बेंगलुरू की पारी को ढहने से बचा लिया। द्रविड और उत्‍थपा जब तक क्रीज पर थे बेंगलुरू की जीत रस्‍म अदायगी लग रही थी। आखरी पांच ओवरों में बेंगलुरू को 51 रन बनाने थे। उत्‍थपा तो क्रीज पर थे ही कोहली और बिग हिटर कैमरून व्‍हाईट के विकेट भी सुरक्षित थे। हरमीत ने यही अपना जादू दिखाया और कसावट भरी गेंदबाजी से उन्‍होंने बेंगलुरू के बल्‍लेबाजों को दबाव में ला दिया।

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