टेस्‍ट ऑफ हैदराबादी

आईपीएल के इस सीजन में वही टीम बेहतर खेल दिखा रही है जिनमें भारतीय खिलाडियों का प्रदर्शन दमदार रहा है। मुंबई हो या फिर बेंगलुरू दोनों टीमों में भारतीय टीम के खिलाडियों का प्रदर्शन दमदार रहा है। हैदराबादी टीम डेक्‍कन चार्जस के लिए इस सीजन में सबसे बडी दिक्‍कत यही रही कि रोहित शर्मा को छोड कोई भी भारतीय खिलाडी बल्‍लेबाजी में कमाल नहीं दिखा पाया। टीम एक तरह से पूरी तरह विदेशी खिलाडियों पर निर्भर थी। वह भी असफल रहे तो डेक्‍कन एक्‍सप्रेस बेपटरी होने लगी। ऐसे में कप्‍तान गिलक्रिस्‍ट ने पिछले आईपीएल में सुर्खियां बटोरने वाले टी सुमन पर विश्‍वास जताया। सुमन की महकती बल्‍लेबाजी ने हैदराबादी फिजा में जीत का रंग घोल दिया। विपरीत हालातों में उनकी 78 रनों की पारी ने डेक्‍कन की टीम में हैदराबादी फ्लेवर जोड दिया है। इसके साथ ही डेक्‍कन सेमीफायनल की होड में फिर से शामिल हो गई है।

गिलक्रिस्‍ट, गिब्‍स और रोहित शर्मा के 100 रनों के भीतर पैवेलियन लौटने के बाद बेंगलुरू को लगा की मुकाबला अब उसकी मुठ्ठी में है। सुमन कुछ और ही इरादे कर मैदान पर आए थे। वह गेंदबाजों को बगैर मौका दिए उन पर टूट पडे। 78 रनों की उनकी पारी ने कुंबले एंड कंपनी के सारे मंसूबों पर पानी फेर दिया। बेंगलुरू का कोई भी गेंदबाज सुमन पर शिकंजा नहीं कस पाया। सुमन के साथ सायमंडस ने भी बेहतर बल्‍लेबाजी की। दोनों ने मिलकर हैदराबाद को केवल इस मुकबले में भी जीत नहीं दिलाई बल्कि दोनों की साझेदारी ने डेक्‍कन की सेमीफायनल में पहुंचने की उम्‍मीद बनाए रखी है।

यह मुकाबला गेंदबाजों की बजाए दोनों टीमों के बल्‍लेबाजों के बीच श्रेष्‍ठता का मुकाबला साबित हुआ। प्रज्ञान ओझा को छोड दोनों ही टीम का कोई गेंदबाज ऐसा कुछ कमाल दिखा पाया जिसका जिक्र भी किया जा सके। सभी गेंदबाजों ने जमकर रन लुटाए लेकिन रन लूटने के मामले में डेक्‍कन के बल्‍लेबाज सबसे आगे रहे। बल्‍लेबाजी के इसी अंतर ने मुकाबले में जीत और हार तय की। कुंबले इस स्‍पर्धा के सबसे किफायती गेंदबाज साबित हो रहे है। गिलक्रिस्‍ट का विकेट लेकर उन्‍होंने शुरूआत तो अच्‍छी की थी लेकिन बाद में वह भी महंगे साबित हुए।

बेंगलुरू के मुकाबले में कैलिस की बल्‍लेबाजी का जिक्र न हो यह आईपीएल में फिलहाल ऐसा देखने को नहीं मिला। कैलिस का ड्रीम रन जारी है। वह बेहद आसानी से बल्‍लेबाजी कर रहे है और उनकी बल्‍लेबाजी देख लगता ही नहीं कि इंटरनेशनल स्‍तर के जाने माने गेंदबाजों का वह सामना कर रहे है। उन्‍हें आउट करना गेंदबाजों के लिए टेढी खीर साबित हो रहा है। अब सबसे बडे टिकिट वाले इस टूर्नामेंट में वह सबसे बडे विकेट में शुमार हो गए है। मनीष पांडे ने उनका जल्‍दी साथ छोड दिया, द्रविड भी कुछ चमकीले शॉट्स खेलकर पैवेलियन लौट गए। इसके बावजूद उन पर किसी तरह का कोई दबाव नहीं दिखा और उनकी बिंदास बल्‍लेबाजी जारी रही।

बेंगलुरू के लिए विराट कोहली ने फिर एक बेहतरीन पारी खेली। दिल्‍ली का यह बल्‍लेबाज परिपक्‍व हो गया है और पॉवर हिटिंग में भी माहिर है। वर्ल्‍ड कप के पहले उनका यह फार्म टीम बेंगलूरू के साथ साथ टीम इंडिया के लिए भी बेहतर संकेत है। कोहली वर्ल्‍ड कप में टीम इंडिया के लिए वही रोल अदा कर सकते है जो पहले टी20 वर्ल्‍ड कप में रॉबिन उत्‍थपा ने अदा किया था। चपल क्षेत्ररक्षक कोहली की रॉबिन उत्‍थपा से मिलती एक और खूबी है। हालांकि बेंगलुरू टीम में उनके सहयोगी रॉबिन जबर्दस्‍त फार्म में चले रहे है, लेकिन टीम इंडिया के संभावित तीस खिलाडियों में नहीं होने की वजह से विराट कोहली और रोहित शर्मा को टीम में जगह मिल गई।

बहरहाल, सुमन की बदौलत मिली इस जीत के बाद हैदराबादवासी भी खुद को इस टूर्नामेंट से जोड सकेंगे। टीम में बेहतर प्रदर्शन करने वाले प्रज्ञान ओझा को छोड हैदराबाद का कोई भी खिलाडी अब तक छाप छोडने में नाकाम रहा है। वेरी वेरी स्‍पेशल लक्ष्‍मण को कई मौके मिले लेकिन वह इन्‍हें भुना नहीं पाए। प्रज्ञान ओझा की कसावट भरी गेंदबाजी के साथ दो विकेट हासिल करना और सुमन की पारी ने डेक्‍कन की जीत में हैदराबादी तडका लगाया है। हैदराबादी जायके से डेक्‍कन ने जीत का स्‍वाद चखा है और यदि इस टीम का ऐसा ही प्रदर्शन जारी रहा तो विरोधी टीम के दांत खट्टे हो जाएंगे।

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