दादा की दादागिरी

सौरव गांगुली को अपनी बल्‍लेबाजी को लेकर इस सीजन में बेहद आलोचनाओं का सामना करना पडा है। उनकी टीम कोलकाता नाइट राइडर्स जीत के लिए तरस रही है तो उनका बल्‍ला रनों के लिए जुझ रहा है। टीम पर आईपीएल में एक बार फिर पिछडने का खतरा मंडरा रहा था। कोलकाता को इस मोड पर एक जीत की बेहद दरकार थी। टीम ने ईडन गार्डन पर जीत का स्‍वाद चखा और खास बात यह रही की जीत कप्‍तान के बल्‍ले से निकली।

सौरव गांगुली ने पारी की पहली और तीसरी गेंद पर चौका जमाकर बता दिया कि इस मुकाबले में उनकी दादागिरी चलेगी। ईडन गार्डन पर सौरव गांगुली का वहीं रूप नजर आया जो तेज गेंदबाजों और स्पिनरों का हाजमा बिगाड कर रख देता है। तेज गेंदबाजों की गेंद पर कट और विकेट छोड जगह बनाते हुए कव्‍हर से लांग ऑफ के बीच फील्‍डरों को भेदते हुए चौके और छक्‍कों की बौछार। स्पिनरों के खिलाफ गांगुली ने सैकडों बार डाउन द विकेट आकर मिड विकेट बाउण्‍ड्री के पार दर्शक दीर्घा में पहुंचाया है। डेक्‍कन के प्रज्ञान ओझा को इस मुकाबले के बाद समझ में आ गया होगा कि कोलकाता के महाराजा के खिलाफ गेंदबाजी करना क्‍यों चुनौती भरा होता है। वह भी तब जब उन्‍हें इंटरनेशनल क्रिकेट का अलविदा कहे हुए काफी वक्‍त बीत चुका है।

चमिंडा वास की जगह केमार रोश को खिलाना डेक्‍कन के लिए महंगा सौदा साबित हो रहा है। वास ने पहले पांच मुकाबलों में आठ विकेट लिए थे। उनकी गेंदबाजी की बदौलत ही डेक्‍कन को शुरूआती मुकाबलों में सफलता हाथ लगी थी। रोश को चुंकि इसी सीजन में डेक्‍कन ने खरीदा है और इसके लिए अच्‍छी खासी रकम भी खर्च की है। यही वजह है कि वास की जगह उन्‍हें प्राथमिकता दी जा रही है। पोलार्ड और ब्रेवो की तरह वेस्‍टइंडीज का यह खिलाडी  आईपीएल में अपनी छाप छोडने में नाकाम रहा है।

बात यदि कोलकाता के गेंदबाजों की जाए तो शेन बांड लय में नजर आ रहे है। आगरकर ने एक बार फिर साबित कर दिया कि क्‍यों उन्‍हें साझेदारी ब्रेक करने वाले गेंदबाज कहां जाता है। गिलक्रिस्‍ट का महत्‍वपूर्ण विकेट लेकर उन्‍होंने डेक्‍कन को बैकफुट पर डाल दिया। सायमंडस को उन्‍होंने और बांड ने आखरी ओवर में बांधकर रख दिया। यही वजह है कि डेक्‍कन की मजबूती बैटिंग लाइन के लिए पहले दस ओवर में जो लक्ष्‍य मामूली लग रहा था उसी लक्ष्‍य को पाना अंत में उसके बूते के बाहर साबित हुआ।

कोलकाता को इस जीत की बेहद जरूरत थी। धमाकेदार शुरूआत के बाद टीम पिछडती नजर आ रही थी। टीम फिर सेमीफायनल की दौड में शामिल हो गई है। वहीं डेक्‍कन की परेशानी खत्‍म होने का नाम नहीं ले रही है। कप्‍तान गिलक्रिस्‍ट की नाकामी टीम को भारी पड रही है। इस मुकाबले में विकेट के पीछे भी वह चुस्‍त नजर नहीं आए। रोहित शर्मा को निचले क्रम पर खिलाना टीम को भारी पड रहा है। वह फार्म में चल रहे है और यदि उन्‍हें विकेट पर ज्‍यादा समय मिलेगा तो वह डेक्‍कन की किस्‍मत बदल सकते है।

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