क्रिकेट को धर्म मानने वाले इस देश में दुनिया के किसी भी कोने में अंतर्राष्ट्रीय मुकाबला हो क्रिकेट प्रेमियों की नजरें जमी रहती है। हालांकि जितनी उत्सुकता अंतर्राष्ट्रीय मुकाबलों को लेकर रहती है उतनी ही बेरूखी का शिकार घरेलू विभाग होता है। यही वजह है कि आईपीएल सीजन 2 की शुरूआत के पहले टी सुमन भारतीय क्रिकेट प्रेमियों के लिए एक अनजाना सा नाम था। अफ्रीकी मैदान पर निचले क्रम पर बल्लेबाजी करते हुए सुमन एक हिटर और कुछ हद तक मैच फिनिशर के रूप में सुर्खियों में आए थे। टीम में दिग्गज खिलाडियों में मौजूद दिग्गज खिलाडियों के बावजूद डेक्कन आईपीएल2 में डेक्कन की खिताबी फतह में सुमन के अहम रोल को नजर अंदाज नहीं किया जा सका।
आईपीएल3 के पहले दौर खत्म होने तक सुमन कही भी नजर नहीं आ रहे थे। डेक्कन के प्रदर्शन में भी उतार चढाव चल रहा था और खासतौर पर भारतीय खिलाडियों की नाकमी की वजह से डेक्कन पर सेमीफायनल की दौड से बाहर होने का खतरा मंडराने लगा था। ऐसे विपरीत हालातों में सुमन को खिलने का मौका मिला और उन्होंने अपने प्रदर्शन से गुलजार कर दिया। रॉयल चैलेंजर्स के खिलाफ उनकी पारी के बाद कप्तान ने गिब्स और सायमंडस जैसे खिलाडियों की मौजूदगी में उन पर भरोसा जताते हुए उपरी क्रम पर बल्लेबाजी करने का मौका दिया। सुमन को मानों इसी मौके का इंतजार था। रॉयल चैलेंजर्स के गेंदबाजों की धज्जियां उडाने के बाद संतरों के शहर नागपुर में उन्होंने चेन्नई सुपर किंग्स के गेंदबाजों का रस निकाल दिया। सामयंडस के साथ उनकी साझेदारी ने लगातार दूसरी बार डेक्कन चार्जर्स को जीत दिलवा दी।
धोनी के धुरंधर आस्ट्रेलियाई गेंदबाज रायन हैरिस के आगे नतमस्तक हो गए। विक्टोरिया का प्रतिनिधित्व करने वाले इस 30 वर्षीय गेंदबाज ने चेन्नई सुपर किंग्स के बल्लेबाजों की कमर तोड कर रख दी। प्रज्ञान ओझा ने कसावट भरी गेंदबाजी के साथ साथ धोनी के डंडे बिखेर कर रही सही कसर पूरी कर दी। आर पी सिंह भी लय में लौटते हुए नजर आ रहे है, वहीं सायमंडस अब बल्ले के साथ गेंदबाजी में भी प्रभावी साबित हो रहे है। यही वजह है कि अंतिम पांच ओवरों में खुले दिल से रन लुटाने के लिए मशहूर डेक्कन की गेंदबाजी अब फिर से शेप में नजर आ रही है। यह वहीं टीम है जिसने केमोर रोश को भारी रकम देकर खरीदा और फार्म में चल रहे चामिंडा वास की जगह मौका देकर अपने पांव पर कुल्हाडी मार ली। अब तक केवल प्रज्ञान ओझा के दम पर डेक्कन गेंदबाजी में दम भरती थी। अब उसमें विविधता और पैनापन लौट रहा है।
धोनी एंड कंपनी के लिए यह आत्मचिंतन का वक्त है। खुद कप्तान का फार्म में न होना टीम के लिए चिंता की वजह बना हुआ है। मुरली विजय भी अब अच्छी शुरूआत को बडी पारी में बदल नहीं पा रहे है। हैडन भी नाम बडे और दर्शन खोट साबित हो रहे है। डेल्ही डेयरडेविल्स के खिलाफ खेली 93 रनों की पारी को छोड दिया जाए तो इस पूरे आईपीएल में वह अपने नाम के मुताबिक बडी पारी खेलने में नाकाम रहे है। रैना ने जरूर टीम के लिए विपरीत परिस्थितियों में अच्छी पारी खेली है। इस मुकाबले में भी उनके अर्धशतक की वजह से ही चेन्नई सम्मानजनक स्कोर खडा करने में कामयाब रही।
इस जीत के साथ डेक्कन ने सेमीफायन में पहुंचने की अपनी उम्मीदों को जिंदा रखा है। चेन्नई सुपर किंग्स ने वहीं अपने लिए मुश्किले बढा ली है। दोनों टीमों के समान अंक है और अब कोई भी मुकाबला गंवाया तो सेमीफायनल की राह मुश्किल हो जाएगी। फिर दूसरी टीमों के प्रदर्शन पर या फिर केल्क्यूलेटर की गणना पर ही इन टीमों का भविष्य टिक जाएगा।
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