आईपीएल के तीसरे सीजन में पहले बल्लेबाजी करते हुए 150 से उपर का कोई भी स्कोर काफी अच्छा माना जा रहा है। यह लक्ष्य मुकाबले के संघर्षपूर्ण होने का पैमाना साबित होता आया है। ऐसे में राजस्थान के खिलाफ 153 रनों का स्कोर खडा करने के बाद पंजाब किंग्स इलेवन के कप्तान संगकारा जरूर दो पाइंट हासिल करने के बारे में सोच रहें होंगे। यह ख्याल दूसरी पारी की पहली गेंद फेंकने तक ही उनके जेहन में रहा होगा। इसके बाद दो पाइंट का ख्याल आना भी दूर संगकारा की नुमाइंदगी वाली टीम दूसरे विकेट के लिए तरस गई। मुकाबला संघर्षपूर्ण होने के बजाए इस सीजन के सबसे एकतरफा मुकाबलों में शुमार हो गया। राजस्थान ने रॉयल जीत दर्ज करते हुए किंग्स इलेवन को पांच ओवर शेष रहते हुए नौ विकेट से रौंद दिया।
गुलाबी नगरी जयपुर में भी पंजाब के खिलाडियों पर गुलाबी चमक आने की बजाए एक बार फिर हार की कसक ही दिखी। पंजाब ने इस सीजन में सबसे ज्यादा मुकाबले ही नहीं हारे है बल्कि सबसे ज्यादा ओपनिंग कॉम्बिनेशन को आजमाने का कारनामा भी किया है। फिर भी यह टीम एक मजबूत शुरूआत के लिए तरस रही है। शुरूआती झटकों से यह टीम अधिकांश मौकों पर उबर ही नहीं पाई। मध्यक्रम को महज नाम के लिए नजर आ रहा है लेकिन उनका प्रदर्शन टैल एंडर्स जैसा गया गुजरा ही नजर आ रहा है। जयपुर में एक वक्त किंग्स इलेवन 11 ओवर में 103 रन बनाकर ठीक ठाक स्थिति में था, लेकिन बावजूद इसके यह टीम अंत में 153 रनों का स्कोर ही खडा कर पाई। जयवर्धने को देर से मिला फार्म उन्हें रन जुटाने में मदद कर रहा है। युवराज के खेल में भी अब थोडी चमक दिख रही है, लेकिन लगता है कि वह खुद ही बडी पारी खेलना नहीं चाहते। शेन वॉर्न के खिलाफ उन्होंने बढिया फुटवर्क दिखाते हुए चौके छक्कों की झडी लगा दी, लेकिन जितनी तेजी से वह रन जुटा रहे थे उतनी ही तेजी से वह पैवेलियन भी लौट गए।
पंजाब ने इस सीजन की शुरूआत डेल्ही डेयर डेविल्स के खिलाफ हार से की थी। इस मुकाबले में श्रीसंथ की गेंदबाजी में पैनापन देखा गया था। पंजाब के लिए इससे उम्मीद जगी थी कि शुरूआती मुकाबले में ब्रेट ली की गैर मौजूदगी के बावजूद गेंदबाजी अटैक में पैनापन कम नहीं होगा। श्रीसंथ का यह प्रदर्शन केवल झलक भर थी। इसके बाद तो वह विरोधी टीम के लिए साफ्ट टारगेट हो गए थे। श्रीसंथ को टीम के गेंदबाजी का बीडा अपने कंधों पर लेना था लेकिन उन्होंने टीम का बेडा गर्क कर रख दिया।
पंजाब की गेंदबाजी जहां निराशाजनक रही वहीं शेन वॉटसन और सिद्धार्थ त्रिवेदी ने राजस्थान के गेंदबाजी में पैनापन लाया है। शेन वॉटसन सटीक लाइन लैंग्थ से गेंदबाजी कर रहे है। बल्लेबाजों को वह खुलकर खेलने का बिलकुल मौका नहीं दे रहे है। वॉटसन के आने से राजस्थान की बल्लेबाजी भी मजबूत हुई है। उनके अनुभव की वजह से राजस्थान को फायदा होगा। अभी ग्रीम स्मिथ की गैर मौजूदगी की वजह से राजस्थान के बैटिंग लाइन अप में अनुभवी बल्लेबाज की कमी थी जो हर संकट की घडी से टीम को उबार सकें। वहीं सिद्धार्थ त्रिवेदी की गेंदबाजी मैच दर मैच निखरती जा रही है। चर्चित होने की वजह से मलिंगा की स्लो डिलेवरी की चर्चा बहुत हो रही है लेकिन त्रिवेदी भी उतनी ही खूबी से गेंदों की गति में विविधता ला रहे है। हालांकि उन्हें ज्यादा नोटिस नहीं किया जा रहा है लेकिन टीम के कप्तान शेन वार्न और मालकिन शिल्पा शेट्टी उनकी अहमियत बहुत अच्छे से जानती है। राजस्थान की जीत में वह नींव का पत्थर साबित हो रहे है।
नमन ओझा का बल्ला भी अब आईपीएल में खूब बोल रहा है। लंब के साथ उनकी जोडी धीरे धीरे विरोधी टीम में दहशत पैदा कर रही है। यह दोनों यदि इसी तरह तेज और बडी शुरूआत देते रहे तो वॉटसन, युसूफ और वोग्स जैसे बल्लेबाजों से सजे मध्यक्रम के बदौलत राजस्थान किसी भी टीम को हराने का माद्दा रखती है। लगातार तीन जीत के साथ यह टीम अचानक पाइंट टेबल में काफी उपर पहुंच गई है। हल्ला बोलने वाली यह टीम अब विरोधी टीमों के लिए एक बडा खतरा बन गई है। टूर्नामेट में रंगीलो राजस्थान का डंका फिर बज रहा है जो दूसरी टीम का बाजा बजा सकता है।
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