
चोट से उबर कर मैदान में लौटे आशीष नेहरा ने घातक गेंदबाजी की। उन्होंने चेन्नई के शीर्षक्रम को जमने नहीं दिया तो नैनिस ने धोनी को खाता खोलने का मौका भी नहीं दिया। वीरेन्द्र सहवाग पार्टनरशिप को तोडने का काम टीम इंडिया के लिए कई बार करते आए है लेकिन आईपीएल 3 में उन्होंने उस वक्त यह कारनामा कर दिखाया जब टीम को इसकी सबसे ज्यादा जरूरत थी। सहवाग और दिलशान ने अब तक इस सीजन में कोई खास गेंदबाजी नहीं की है लेकिन चेन्नई के धीमे विकेट पर गंभीर ने उनका बखूबी इस्तेमाल किया। सहवाग और दिलशान ने केवल तीन विकेट नहीं लिए बल्कि उन्होंने रनों की गति पर ऐसा अकुंश लगाया कि चेन्नई की टीम बेहद साधारण सा स्कोर खडा कर पाई।
चेन्नई भी शाहरूख खान की टीम कोलकाता नाइटराइडर्स की राह पर चल पडी है। यह टीम एक मुकाबले में बेहतर खेल दिखाकर ढेरों उम्मीदें जगाती है और दूसरे ही मुकाबले में सब टांय टांय फिस्स हो जाता है। डेक्कन चार्जर्स के खिलाफ चेन्नई की बल्लेबाजी साधारण नजर आ रही थी। अगले ही मुकाबले में कोलकाता के खिलाफ यही बैटिंग लाइनअप विरोधी गेंदबाजों के लिए अभेद दिखने लगी। कोलकाता के खिलाफ मुकाबले के दो दिन बाद ही डेल्ही के खिलाफ इसी लाइन अप की बदौलत चेन्नई को जीत का मजबूत दावेदार माना जा रहा था तो उसके बल्लेबाजों ने पार्ट टाइम स्पिनरों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। केवल बद्रीनाथ ही डेल्ही के गेंदबाजों का डटकर मुकाबला करते दिखे लेकिन दूसरी छोर से उन्हें किसी का साथ नहीं मिला। टीम को सेमीफायनल में पहुंचना है तो धोनी और हेडन जैसे बल्लेबाजों को कमाल दिखाना होगा वर्ना दूसरी टीमे चेन्नई की राहों में कांटे बिछाने के लिए तैयार बैठी है।
बालिंगर और अश्विन ने डेल्ही पर जबर्दस्त पलटवार किए। दस रनों के भीतर डेल्ही के टॉप तीन बल्लेबाज पैवेलियन लौट चुके थे। थोडी ही देर में कार्तिक भी उनके पीछे पीछे पहुंच गए। एक वक्त लगने लगा कि धोनी की टीम इतने कम स्कोर की रक्षा में करने में भी कामयाब रहेगी। ऐसे ही आडे वक्त टीम ने मिथुन मन्हास पर भरोसा जताया। कई बरसों से डेल्ही को मुसीबतों से उबारने वाले मिथुन ने घरेलू स्पर्धाओं में टनों रन बनाए। ऐसे में धीमे होते विकेट और स्पिन गेंदबाजों को मिल रही मदद ने डेल्ही को मजबूर किया कि वह कॉलिंगवुड के पहले मिथुन को बल्लेबाजी का मौका दे। मिथुन इस विश्वास पर खरे उतरे और गंभीर के साथ विपरीत हालातों में उन्होंने बेहतर खेल दिखाया। चेन्नई इसके बाद सफलता के लिए तरस गई और बगैर एक भी छक्का जमाए डेल्ही टी20 काम मुकाबल जीत गई।
डेल्ही डेयरडेविल्स ने इस सीजन में अब तक कोई खास कमाल नहीं दिखाया है। कुछ मुकाबलों में जीत दर्ज करने के बाद वह सेमीफायनल की दौड में बनी जरूर हुई है, लेकिन इस सीजन में जिस टीम से सबसे बेहतर माना गया था उस टीम के प्रदर्शन में निरंतरता का अभाव साफ झलक रहा है। कप्तान ने लंबे अंतराल के बाद उम्दा पारी खेली तो गेंदबाजी में अमित मिश्रा को छोड कोई भी भी अपनी छाप नहीं छोड पाया। गंभीर ने कामचलाउ गेंदबाजों की बदौलत चेन्नई के गढ को फतह कर लिया हो लेकिन बडी जंग के लिए अब भी डेल्ही के खिलाडी पूरी तरह तैयार नहीं दिखते है।
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