राजस्‍थान की रॉयल हार

युसूफ पठान, माइकल लं‍ब, शेन वॉटसन, वोग्‍स, नमन ओझा, शेन वार्न और सिद्धार्थ त्रिवेदी। राजस्‍थान की टीम इस आईपीएल में जीत के लिए इन्‍हीं खिलाडियों के करिश्‍में पर निर्भर रही है। पहले तीन मुकाबलों में हार के बाद राजस्‍थान ने एक टीम के रूप में वापसी की थी लेकिन धीरे धीरे यह टीम किसी एक खिलाडी के करिश्‍में पर निर्भर हो गई। ऐसे में में बेंगलुरू रॉयल चैलेंजर्स के खिलाफ इनमें से एक भी खिलाडी कोई करिश्‍मा दिखाने में नाकाम रहा तो टीम की हार तय की थी। केवल संभावनाएं इसी पर टिकी थी कि बेंगलुरू के खिलाडी खराब खेल का मुजाहिरा करते। यह करिश्‍मा भी नहीं हुआ और बेंगलुरू ने सेमीफायनल की और कूच कर दिया। राजस्‍थान के लिए इस मुकाबले में जीत जरूरी थी लेकिन जीतने के लिए मैदान पर जोरदार खेल दिखाना होता है और इसी में राजस्‍थान के धुरंधर नाकाम रहे।

राजस्‍थान के बल्‍लेबाज तेज गेंदबाजों का सामना करने में नाकाम रहे है। जयपुर का विकेट धीमा था लेकिन डेल स्‍टेन की गेंदों ने इस पर भी आग उगली। विनय कुमार ने रन थोडे ज्‍यादा दिए लेकिन राजस्‍थान को शुरूआती झटके देने में उनका भी अहम योगदान रहा। सबसे ज्‍यादा चौंकाने वाला प्रदर्शन पंकज सिंह का रहा। राजस्‍थान का यह गेंदबाज पहले सीजन में घरेलू टीम राजस्‍थान रॉयल्‍स की नुमाइंदगी करता था। निराशाजनक प्रदर्शन के बाद उन्‍हें टीम से बाहर का रास्‍ता दिखा दिया गया तो इस गेंदबाज की प्रतिभा को पहचाना बेंगलुरू ने। इस पूरे सीजन भी वह टीम के साथ थे लेकिन उन्‍हें खेलने का मौका सीजन के 49 वें मुकाबले में मिला। अपने घरेलू मैदान पर घरेलू टीम के खिलाफ उनका चयन कप्‍तान कुंबले के शातिर दिमाग का कमाल था। उन्‍होंने दो विकेट लेकर न केवल इसे सार्थक किया बल्कि अपनी टीम की जीत की नींव भी रखी।

राजस्‍थान के बल्‍लेबाजों ने इस सीजन में टीम को सबसे ज्‍यादा नीचा देखने पर मजबूर किया है। इनें सबसे ज्‍यादा निराश इस सीजन में यूसुफ पठान अपने बल्‍ले से कर रहे है। पहले मुकाबले में मुंबई के खिलाफ जोरदार शतक जमाकर उन्‍होंने जो उम्‍मीदे जगाई थी वह सब हवा हो गई है। खासतौर पर तेज गेंदबाजों के खिलाफ उनकी नाकामी खुलकर सामने आई है। वह उछाल लेती गेंदों को समझने में नाकाम रहे है। गेंदबाज ने यदि उन पर जरा भी लगाम कस दी तो वह विचलित नजर आते है। वर्ल्‍ड कप के पहले उनका फार्म में नहीं होना टीम इंडिया के लिए चिंता की बात है

इस मुकाबले में वह हुआ जो आईपीएल के इस सीजन में अब तक नहीं हुआ। दक्षिण अफ्रीकी बल्‍लेबाज जैक कैलिस के बल्‍ले से पहली बार कोई रन नहीं निकला। वह बगैर खाता खोले पैवेलियन लौट आए। शुरूआती दौर में 88 रनों के औसत से पहले विकेट के लिए साझेदारी करने वाले उनके सहयोगी मनीष पांडे भी कोई कमाल नहीं दिखा पाए। दो विकेट गिरने का कैविन पीटरसन पर कोई फर्क नहीं पडा। ताबडतोड बल्‍लेबाजी करते हुए वह बेंगलुरू को जीत की राह पर ले गए। हालांकि उनकी पारी का अंत बहुत ही गलत तरीके से हुआ। रन आउट होने के बाद उन्‍होंने जिस तरीके से अपने जोडीदार विराट कोहली के लिए प्रतिक्रिया जताई वह किसी भी स्‍तर के खिलाडी के शोभा नहीं देता। मैच के बाद उन्‍होंने इस बात पर अफसोस जताया कि लेकिन कुछ जख्‍म ऐसे होते है जिन्‍हें कितना भी मरहम लगाया जाए फिर भी वहरिसते रहते है। पीटरसन का यह व्‍यवहार शायद कोहली के जेहन से इतना जल्‍दी तो नहीं जाएगा।

पाइंट टेबल में अंकों के मामले में मुंबई बाकी टीमें से आगे ही बनी हुई है, लेकिन हर मुकाबले के साथ पाइंट टेबल में नंबर दो की लडाई तेज होती जा रही है। कोलकाता को पिछले मुकाबले में हराकर पाइंट टेबल में चेन्‍नई दूसरे नंबर पर जा जमी थी। बेंगलुरू ने रॉयल्‍स को हराकर सुपर किंग्‍स को उस पोजीशन से बेदखल कर दिया है। मुंबई को छोड कोई भी टीम यह दावा करने की स्थि‍त में या तो रही नहीं या है नहीं कि वह यह कह सके की सेमीफायनल में उसकी जगह पक्‍की है। लीग चरण के सात मुकाबले शेष है ऐसे में सेमीफायनल की दौड की रोचकता अंत तक बनी रहेगी और आईपीएल में पहली बार ऐसा होगा कि शीर्ष चार में जगह पाने के लिए ऐसे हालात बन गए है।

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