फिरकी के जादूगरों का जलवा


आईपीएल सीजन 3 में लेग स्पिनर अपना जलवा बिखेर रहे है। अब तक यह टूर्नामेंट लेग स्पिनर गेंदबाजों के नाम ही रहा है। वेटरन अनिल कुंबले इस विधा के अगुवा है। जैसे जैसे टूर्नामेंट आगे बढ रहा उसके साथ ही वेटरन अनिल कुंबले की गेंदबाजी जवां होती जा रही है। विरोधी टीम से मिल रहे चैलेंज के खिलाफ कुंबले अपनी टीम के सबसे मारक हथियार है। कुंबले अकेले लेगी नहीं है जो इस आईपीएल में कहर बरपा रहे हो। उनके अलावा दो और लेग स्पिनर की गेंदे विकेट उगल रही है। यह दो गेंदबाज पंजाब किंग्‍स इलेवन के पीयूष चावला और डेल्‍ही डेयरडेविल्‍स के अमित मिश्रा है जिनके बीच वर्चस्‍व की लडाई भी चल रही है। यह वर्चस्‍व भारतीय टीम में जगह बनाने को लेकर है। आईपीएल में अमित मिश्रा ने विकेटों के मामले में पीयूष चावला ने बाजी मार ली है लेकिन टीम इंडिया में जगह बनाने के मामले में कामयाबी चावला के खाते में आई है। यही नहीं दोनों स्पिनरों के बीच क्रिकेट मैदान पर लडाई में भी चावला का वार भारी पडा है।

अमित मिश्रा की डेल्‍ही डेयरडेविल्‍स भी पीयूष चावला की फिरकी में उलझ गई। चावला ने फिरोजशाह कोटला मैदान पर डेल्‍ही के गेंदबाजों को खूब नचाया। कसावट भरी गेंदबाजी से उन्‍होंने डेल्‍ही के बल्‍लेबाजों को खुलकर बल्‍लेबाजी करने का मौका नहीं दिया। कॉलिंगवुड जैसे बल्‍लेबाज को उन्‍होंने अपनी गुगली में फांस कर अपना शिकार बनाया। कॉलिंगवुड के पैवेलियन भेजने के साथ ही चावला ने डेल्‍ही के एक बडे स्‍कोर खडा करने के मंसूबों पर पानी फेर दिया। उन्‍होंने चार ओवरों में सोलह रन दिए और दो महत्‍वपूर्ण विकेट लिए। उन्‍होंने न केवल अमित मिश्रा के खिलाफ मुकाबला जीता बल्कि इसके साथ ही मैन ऑफ द मैच का खिताब भी हासिल किया। हालांकि अमित मिश्रा ने भी गजब की गेंदबाजी की लेकिन बल्‍लेबाजों के शर्मनाक प्रदर्शन की वजह से उनकी टीम को नीचा देखना पडा।

पंजाब किंग्‍स इलेवन के लिए इस आईपीएल में अब आत्‍मसम्‍मान बचाने के अलावा कुछ बचा नहीं है। अब जब टीम के लिए सब कुछ लूट गया है उस समय टीम के बल्‍लेबाजों के साथ साथ अब इरफान पठान को भी गेंदबाजी में लय मिलती दिख रही है। डेल्‍ही को शुरूआती झटके देते हुए उन्‍होंने तीन विकेट लिए। इन झटकों से डेल्‍ही पूरी पारी में उबर नहीं पाया। पठान ने आईपीएल में अभी तक बल्‍लेबाजी में ठीक ठाक प्रदर्शन किया है लेकिन गेंदबाजी में वह उतने मारक साबित नहीं हुए। इसका नतीजा यह है कि आठ टीमों में से केवल उनकी ही टीम है जो सेमीफायनल की दौड से बाहर हो चुकी है।

अब यह टूर्नामेंट एक ऐसे मोड पर जा पहुंचा है जहां से एक छोटी सी भी गलती किसी भी टीम को सेमीफायनल की दौड से बाहर कर सकती है। डेल्‍ही ने तो इस मुकाबलों में गलती का अंबार लगा दिया। खासतौर पर टीम के दो सबसे बडे बल्‍लेबाज डेविड वार्नर और कप्‍तान गौतम गंभीर को इन्‍हीं गलतियों का खामियाजा भुगत कर रन आउट हो गए। गंभीर पहले चोट की वजह से आईपीएल से आउट हुए और अब वे मैदान से रन आउट होकर बाहर लौट रहे है। टूर्नामेंट में एक महीने का वक्‍त होने को आया है। सभी टीमों के खिलाडी लगभग इतने ही समय से साथ में है। ऐसे में इस तरह का मिस कम्‍युनिकेशन की गुंजाइश नहीं होना चाहिए। बावजूद इसके डेल्‍ही के बल्‍लेबाजों में आपस में सामंजस्‍य नजर नहीं आ रहा है।

इस जीत से पंजाब को कुछ हासिल नहीं हुआ है लेकिन उनकी यह जीत डेल्‍ही का खेल बिगाड सकती है। इस हार से उस पर सेमीफायनल की दौड में पिछडने का खतरा बढता जा रहा है। यह वही टीम है जिसमें इस मुकाबले में नौ वे नंबर पर बल्‍लेबजी के लिए माहरूफ जैसा आलराउंड खिलाडी आता है। बल्‍लेबाजी बेहद मजबूत है लेकिन वह केवल कागजों पर आ रही है। डेल्‍ही में मौजूद भारतीय खिलाडी हो या विदेशी खिलाडियों के कॉम्बिनेशन की वजह से इस टीम को सबसे संतुलित टीम माना जाता है। कॉम्बिनेशन भले ही संतुलित हो लेकिन टीम का प्रदर्शन बेहद असंतुलित नजर आ रहा है।

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