आस्ट्रेलियाई खिलाडी क्रिकेट के मैदान पर हो और वहां स्लेजिंग न हो ऐसा हो नहीं सकता। यदि ऐसा होतो यह क्रिकेट इतिहास का एक नया रिकार्ड बन जाए। आस्ट्रेलिया के अधिकांश क्रिकेटर न्यूजीलैंड में व्यस्त होने की वजह से ये लगा की स्लेजिंग से आईपीएल अछूता रहेगा। आईपीएल में 21 मुकाबले होने तक स्लेजिंग तो दूर इसका जिक्र भी नहीं आया था। आस्ट्रेलिया की साख पर बंटा लग ही जाता लेकिन तभी आस्ट्रेलियाई क्रिकेट के बिगडैल शहजादे एंड्रयु सायमंडस सामने आए। उन्होंने आस्ट्रेलिया का नाम क्रिकेट की दुनिया में नीचे नहीं होने दिया। आईपीएल के 22 वें मुकाबले में राजस्थान रॉयल्स के यूसुफ पठान पर उन्होंने स्लेजिंग की। सायमंडस की इस करतूत का खामियाजा उन्हें अकेले नहीं बल्कि पूरी टीम को भुगतना पडा। पठान ने इसका जवाब बोल से नहीं बल्ले से दिया। जवाब इतना करारा था कि डेक्क्न चार्जर्स को 26 गेंद शेष रहते हुए आठ विकेट से करारी शिकस्त झेलनी पडी।
पठान के इस जलजले के पहले वर्ल्ड कप में चुने जाने का जश्न रोहित शर्मा ने भी शाही अंदाज में मनाया। उनकी 49 रनों की पारी की बदौलत ही डेक्कन सम्माजनक स्कोर खडा कर पाया। गिलक्रिस्ट, गिब्स और सायमंडस के जल्दी आउट होने का मतलब डेक्कन को बडे स्कोर की और ले जाने की सारी जवाबदारी रोहित शर्मा के कंधों पर आ जाती है। आईपीएल के दूसरे संस्करण में रोहित इस जवाबदारी को बखूबी निभाते रहे और डेक्कन ने खिताब फतह कर लिया। रोहित कुछ समय से आउट ऑफ फार्म चल रहे थे। ऐसे में टी20 वर्ल्ड कप के लिए उनके चयन पर संदेह उठ रहे थे। उन्होंने वेस्टइंडीज का टिकिट हासिल करने के चंद घंटों बाद ही राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ अपनी पारी से इसे सार्थक भी साबित कर दिया।
कोई टीम लगातार जीतती है तो केवल उसकी खूबियां ही नजर आती है। इसी तरह यदि कोई टीम लगातार हारती है तो उसकी खामियां ही नजर आती है। राजस्थान के जो खिलाडी बेहद साधारण नजर आ रहे थे वह अब एकजुट होकर प्रदर्शन कर रहे है। अब यह टीम एक यूनिट की तरह नजर आ रही है जो एक के बाद एक किले फतह करती जा रही है। डेक्कन के लिए बल्लेबाज और गेंदबाज दोनों ही अपनी जिम्मेदारी समझ रहे थे। अब एक के बाद एक हार से सब कुछ बिखर सा गया है। खासतौर पर बल्लेबाजी में गिलक्रिस्ट के जल्दी आउट होने के बाद टीम पर दबाव साफ झलकने लगता है। डेक्कन को चाहिए की वह रोहित को बैटिंग आर्डर में उपर खिलाए और लक्ष्मण का इस्तेमाल द्रविड की तरह पांचवे छठे स्थान पर किया जा सकता है। रोहित से तो ओपनिंग भी कराई जा सकती है जिससे उन्हें विकेट पर ज्यादा समय मिले।
आखिर में बात यूसुफ पठान की। टी20 वर्ल्ड कप 2007 के फायनल मुकाबले में पाकिस्तान के खिलाफ यूसुफ पठान ने पदार्पण किया उस वक्त क्रिकेट की दुनिया के लिए उनका नाम अंजाना ही था। ऐसे अहम मुकाबले में कप्तान ने उन्हें ओपनिंग बल्लेबाजी का मौका भी दे डाला। अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में किसी भी खिलाडी का पदार्पण ऐसा नहीं हुआ होगा। इस मुकाबले में यूसुफ महज आठ गेंदों का सामना कर पैवेलियन लौट आए, लेकिन इस दौरान उन्होंने एक चौका और छक्का जमाकर 15 रन बना लिए थे। यह वह दौर था जब यूसुफ की पहचान इरफान के भाई के रूप में की जाती थी। तीन साल बाद हालत बदल गए है। इरफान पठान में अगले कपिल देव की संभावनाएं खोजी जाती थी वह टीम से बाहर है। तीन साल पहले वर्ल्ड कप में एक मुकाबला खेलने वाले यूसुफ पठान पर वर्ल्ड कप के तीससे संस्करण पर भारी जवाबदारी है। वेस्टइंडीज की सरजमी पर टीम इंडिया को उनसे केवल बल्लेबाजी में नहीं बल्कि गेंदबाजी में भी काफी उम्मीदें रहेंगी। पठान ने टीम इंडिया में चुने जाने का जवाब जोरदार तरीके से दिया है। उम्मीद की जाना चाहिए है कि पठान का जलवा वर्ल्ड कप में भी जारी रहेगा। आमीन।
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