राजस्थान रॉयल्स के लिए आईपीएल के इस सीजन की शुरूआत बेहद निराशाजनक थी। टीम ने अपने शुरूआती तीनों मुकाबले गंवा दिए थे। विदेशी खिलाडी चोटिल होकर अपने घर जा चुके थे और इन सबसे बढकर शेन वॉर्न की न तो फिरकी कमाल दिखा रही थी और नहीं उनकी कप्तानी खिलाडियों में जोश भर रही थी। बढती उम्र और कप्तानी को लेकर उन पर चौतरफा हमले हो रहे थे। वार्न ने नागपुर ने अपनी चमत्कारिक गेंदबाजी से सभी के मुंह पर ताले जड दिए। सोमवार की रात नागपुर में वार्न ने बता दिया कि वह अभी अपने फन में महारत रखते है। एक आसान जीत की और बढ रही डेक्कन ने वार्न की गेंदबाजी और कप्तानी की वजह से मुकाबला दो रनों से गंवा दिया। हैरिस को जिस तरह से उन्होंने बोल्ड किया वह तो खासतौर पर पुराने वार्न की याद दिलाता है जिसने माइक गैटिंग को पांवों के बीच से गेंद निकाल कर बोल्ड कर दिया था।
डेक्कन की टीम केवल वार्न की गेंदों की कलाकारी में उलझती नहीं चली गई बल्कि उनकी कप्तानी के आगे भी नतमस्तक हो गई। गेंदबाजी में बदलाव, खिलाडियों में जोश भरना और इन सबसे बढकरर अपने खेल के स्तर को इतना उंचा उठाना की टीम के बाकी खिलाडियों के लिए पथ प्रदर्शक बन जाना। वार्न की बदौलत राजस्थान रॉयल्स ने एक हारी बाजी को जीत में बदल दिया।
रोहित शर्मा को बैटिंग आर्डर में उपर भेजने का जिक्र कई पोस्ट में किया गया। डेक्कन को अब जाकर उनकी अहमियत समझने में आई। उन्होंने खुद के दम पर डेक्कन को जीत के करीब ला दिया था लेकिन बेहद नजदीक होने के बावजूद हैदराबादी टीम से जीत बहुत दूर हो गई। रोहित ने 73 रनों की पारी खेली और अंतिम ओवर में जीत के लक्ष्य को महज छह रनों पर ला दिया था। पूरी पारी में रोहित शर्मा का एक ही गलत शॉट खेला। इसी शॉट ने राजस्थान को जीत दिला। एक बडा शॉट खेलकर रोहित मुकाबले को खत्म करना चाहते थे लेकिन वह चूक गए और राजस्थान ने अविश्वसनीय जीत दर्ज की। इसके अलावा रोहित की पूरी पारी बेदाग थी।
डेक्कन को यदि अपनी साख बचानी है तो बल्लेबाजों को आगे आकर अपनी जवाबदारी समझनी होगी। रोहित शर्मा को छोड किसी भी बल्लेबाज के प्रदर्शन में निरंतरता नहीं रही है। मध्यक्रम में बिखराव साफ झलकता है जबकि डेक्कन के पास दिग्गज बल्लेबाज की सूची काफी लंबी है। तेज गेंदबाजी के मोर्च पर भी डेक्कन कमजोर नजर आ रही है। दक्षिण अफ्रीका के तेज विकेटों पर आर पी सिंह ने खूब कहर बरपाया था लेकिन इस सीजन में वह पहली बार रॉयल्स के खिलाफ कुछ कमाल दिखाते नजर आए। डेक्कन को रॉयल्स से सबक लेने की जरूरत है जो एक यूनिट की तरह खेलती है। ऐसा नहीं हुआ तो डेक्कन की टीम बैक टू होम हो जाएगी।
आखिर में बात सिद्धार्थ त्रिवेदी की। अंतिम ओवरों में जब छह रनों की जरूरत हो और तीन विकेट शेष होतो बल्लेबाजी कर रही टीम की जीत महज रस्म अदायगी के अलावा कुछ नहीं था। यही क्रिकेट की अनिश्चिता और सिद्धार्थ त्रिवेदी का प्रवेश होता है। उन्होंने एक ड्रीम ओवर डाला और एक गेंद शेष रहते ही टीम को दो रनों से जीत दिला दी। त्रिवेदी ने अपने कप्तान के विश्वास को सार्थक किया। इस ओवर के पहले वार्न तो उनकी गेंदबाजी के मुरीद थे ही और उन्हें भारतीय टीम में शामिल करने की पैरवी भी वह करते रहे है। अब दिल जीतने की बारी टीम की मालकिन शिल्पा शेट्टी की थी। शिल्पा के लिए भी उनका अंतिम ओवर किसी चमत्कार से कम नहीं था। यही वजह है कि बॉलीवुड की यह अदाकारा ट्विटर पर लिखती है कि, 'वॉर्न पूरी तरह लय में थे। यूसुफ ने भी अच्छी गेंदबाजी की। वैसे आज के सितारे सिद्धार्थ त्रिवेदी रहे।'
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