कार्तिक कॉलिंग कार्तिक

भारत और इंग्‍लैंड के बीच इंदौर में 15 अप्रैल 2006 को वन डे मुकाबला खेला जाना था। यह खिलाडी आधे घंटे तक होटल के बाहर सुरक्षाकर्मी से अंदर प्रवेश देने की गुजारिश करता रहा। वह खुद का परिचय देता रहा और दुहाई देता रहा कि वह टीम इंडिया का सदस्‍य। काफी मशक्‍कत के बाद कार्तिक को अंदर प्रवेश मिला। कार्तिक ने लगभग 18 महीनों बाद इंदौर वन डे में भारतीय टीम में प्रवेश पाया था। कार्तिक उस वक्‍त पहचान के मोहताज थे लेकिन आज उनके खेल ने उन्‍हें चर्चित बना दिया। वह उन धुरंधरों में शामिल है जिन पर जवाबदारी है कि वह टीम इंडिया के सर पर टी20 वर्ल्‍ड कप का ताज एक बार फिर सजाए।

वर्ल्‍ड कप के लिए भारतीय टीम का ऐलान हुआ तो चयन को लेकर कुछ सवाल उठे। जिन खिला‍डियों के प्रदर्शन पर सवाल उठाया जा रहा था उसमें तमिलनाडू के विकेट कीपर बल्‍लेबाज दिनेश कार्तिक का नाम भी शामिल है। धोनी के रहते एक और विकेट कीपर का चयन कई क्रिकेट प्रेमियों को खटक रहा था। कार्तिक अपने चयन पर कुछ नहीं बोले लेकिन उनके खेल पर सवाल उठाने वालों की बोलती उन्‍होंने बंद कर दी। सहवाग, वार्नर, कॉलिंगवुड और नयी सनसनी केदार जाधव के बीच दिल्‍ली का दिल जीता दिनेश कार्तिक ने। 38 गेंदों पर 69 रनों की उनकी पारी आखिर में मैच विनिंग पारी साबित हुई। कार्तिक ने इस पारी के साथ ही वर्ल्‍ड कप में अपने चयन को सार्थक साबित कर दिया।

राजस्‍थान रॉयल्‍स के गेंदबाजों का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा। टैट को लय मिलती दिख रही थी लेकिन कार्तिक ने उनका कचूमर निकाल दिया। टैट ने 4 ओवरों में 53 रन दिए और एक विकेट हासिल किया। वार्न के अलावा किसी भी गेंदबाज ने प्रभावित नहीं किया। केदार जाधव को अभी क्रिकेट में काफी कुछ सीखना है। वॉर्न ने उन्‍हें जिस तरह अपनी फिरकी में उलझाया उसमें वॉर्न की उंगलियों की बजाए दिमाग का ज्‍यादा योगदान था। हालांकि गंभीर और कार्तिक ने वॉर्न को कम आंकने की कोई गलती नहीं कि और उन्‍हें पूरा सम्‍मान दिया। वहीं दूसरी और बाकी गेंदबाजों को निशाना बनाया जिसकी वजह दिल्‍ली का स्‍कोर 200 के करीब पहुंच गया।

यूसुफ पठान की बल्‍लेबाजी में निरंतरता नहीं होने की वजह राजस्‍थान की बल्‍लेबाजी लाइन अप किसी एक बल्‍लेबाज पर निर्भर नहीं है। अभी तक हर मैच में कोई नया ही बल्‍लेबाज राजस्‍थान के लिए झंडाबरदार बनता रहा है। इस मुकाबले में न तो पठान चले और नहीं झुनझुनवाला। ओझा भी बगैर बडी पारी खेले ओझल हो गए। रॉयल्‍स पूरे बीस ओवर भी नहीं खेल पाए। अठारहवें ओवर में रॉयल्‍स की पारी सस्‍ते में सिमट गई।

आईपीएल में राजस्‍थान का प्रदर्शन इस साल बेहद उतार चढाव भरा रहा है। डेल्‍ही की टीम इस मुकाबले में हर मोर्चे पर भारी पडी। टीम में शुरूआती दौर में जो बिखराव दिखा था वह फिर नजर आ रहा है। सबसे बडी दिक्‍कत बल्‍लेबाजी में अच्‍छी शुरूआत नहीं मिलना है। इसके चलते सारा दबावा मध्‍यक्रम पर आ रहा है। राजस्‍थान को यदि विरोधियों पर हल्‍ला बोलना है तो उसे शुरूआत मजबूत रखना होगी और साथ ही वह एकजुटता दिखानी होगी जो इस टीम की पहचान रही है। एक हार के बाद यह टीम अचानक कमजोर लगने लगती है वॉर्न के लिए ऐसे में चुनौती होगी कि वह टीम के साधारण खिलाडियों में बडे नाम से लडने के जस्‍बें को कमजोर न पडने दे।

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