मंगूस, अंग्रेजी शब्द का आशय नेवला होता है। क्रिकेट के मैदान पर इसी नेवले का कहर बरपा। फिरोजशाह कोटला मैदान पर जब नेवले ने कहर बरपाना शुरू किया तो डेल्ही डेयरडेविल्स के खिलाडियों को सांप सूंघ गया। क्रिकेट के लिए इस तरह की शब्दावली से आपको अचरज हो रहा होगा, लेकिन फिरोजशाह कोटला पर ऐसा ही कुछ हुआ। मंगूस उस नये बल्ले का नाम है जिसे थामा है आस्ट्रेलिया के पूर्व सलामी बल्लेबाज मैथ्यू हेडन ने। हेडन के इस बल्ले का हैंडल सामान्य बल्ले से 43 फीसदी बढा है तो चौडाई 33 फीसदी कम है। डेल्ही के खिलाफ इस मुकाबले की शुरूआत उन्होंने सामान्य बल्ले से की थी। शुरूआत में उन्होंने आठ गेंदों पर 15 रन बनाए थे। इसके बाद जब उन्होंने मंगूस थामा तो चौके और छक्के की छडी लगा दी। 42 गेंदों पर नौ चौंके और सात छक्कों की मदद से उन्होंने 93 रनों का स्कोर खडा कर दिया।
डेल्ही के 186 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी चेन्नई ने पार्थिव पटेल का विकेट जल्दी खो दिया। इसके बाद पिछले मैच के हीरो बद्रीनाथ भी सस्ते में पेवेलियन लौट आए। हेडन की इस धमाकेदार बल्लेबाजी के बाद कप्तान सुरेश रैना की 49 रनों की पारी ने चेन्नई सुपर किंग्स के लिए जीत की इबारत लिख दी।
बचा हुआ काम मुरली विजय ने छह गेंदों पर 14 रन बनाकर कर दिया। नेहरा के चोटिल होने की वजह से नैनिस के अलावा डेल्ही की गेंदबाजी में कोई पैनापन नजर नहीं आ रहा है। नैनिस ने अपने चार ओवरों में महज 18 रन देकर एक विकेट हासिल किया। नैनिस की कसावट भरी गेंदबाजी के बावजूद चेन्नई के जिस आसानी से लक्ष्य हासिल कर लिया, उससे ही अंदाज लगाया जा सकता है कि डेल्ही के गेंदबाजों की किस कदर धुनाई हुई।
दरअसल, इस हार के लिए डेल्ही के बल्लेबाज भी कम जिम्मेदार नहीं है। सहवाग ने 38 गेंदों पर 74 रनों की पारी खेलकर डेल्ही के बल्लेबाजों के लिए एक मजबूत प्लेटफार्म तैयार किया था, लेकिन मिथुन मिन्हास को छोड कोई भी बल्लेबाज विकेट पर ज्यादा समय तक टिक नहीं पाया। सहवाग जब तक विकेट पर थे 200 का स्कोर आसान लग रहा था। कार्तिक, एबी डिविलियर्स, वार्नर और दिलशान का सहयोग नहीं मिलने की वजह से डेल्ही ने कम से कम बीस रन कम बनाए। ये ही कमी अंत में निर्णायक साबित हुई।
डेल्ही डेयरडेविल्स और चेन्नई सुपर किंग्स के बीच मुकाबला दोनों ही टीमों के कप्तान की गैरमौजूदगी में खेला जाना था। चोट के चलते डेयरडेविल्स को गौतम गंभीर और सुपर किंग्स को महेन्द्र सिंह धोनी के बगैर ही मुकाबले में उतरना पडा। गौतम की गैर मौजूदगी डेल्ही के लिए उतनी गंभीर नहीं थी जितनी धोनी की कमी चेन्नई को खलने की उम्मीद थी। वह धोनी ही थे जिसकी बदौलत चेन्नई ने नाइटराइडर्स को शिकस्त दी थी। ऐसे में फार्म में चल रहे धोनी के नहीं होने से डेल्ही का पलडा भारी नजर आ रहा था। हालांकि नतीजों ने डेयरडेविल्स को निराश कर दिया होगा। लगातार दो हार के बाद डेयरडेविल्स को अब अगले मुकाबले में मजबूत डेक्कन चार्जर्स के खिलाफ उतरना है। कमजोर गेंदबाजी वाली डेल्ही की बल्लेबाजी यदि नहीं चमकी तो फिर टीम को मुंह की खानी पड सकती है।
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