आईपीएल3 में वीरेन्द्र सहवाग-गौतम गंभीर और सचिन तेंदुलकर-जयसूर्या की जोडी को सबसे खतरनाक ओपनिंग जोडी माना जा रहा था। आईपीएल के शुरूआती दौर के मुकाबले के बाद ये दर्जा रॉयल चैलेंजर्स के जैक कैलिस और मनीष पांडे को हासिल हो गया है। बेंगलुरू ने पहले मुकाबले को छोड बाकी के तीन मुकाबलों में इस जोडी को आजमाया और तीनों ही मुकाबले में इस जोडी की धमाकेदार साझेदारी की बदौलत गत उपविजेता टीम को जीत हासिल हुई है। तेज गेंदबाज हो या स्पिनर इस जोडी के आगे अभी एक भी गेंदबाज की नहीं चल रही है। अनुभव और युवा जोश का ये गठजोड इस आईपीएल में गेंदबाजों का कत्लेआम कर रहे है।
राजस्थान रॉयल्स के बाद इस जोडी का तीसरा शिकार मुंबई इंडियंस के गेंदबाज बनें। रॉयल चैलेंजर्स की टीम जब बल्लेबाजी के लिए उतरी तो टीम गहरे दबाव में थी। बेंगलुरू टीम अच्छी गेंदबाजी के बावजूद दबाव में थी। इसकी वजह 76 रनों पर मुंबई के छह विकेट हासिल करने के बावजूद 152 रनों के लक्ष्य मिलना था। जैक कैलिस और मनीष पांडे ने मोर्चा संभाला तो निराश के बाद मुंबई पर छाने लगें। 151 रनों के लक्ष्य के बाद सचिन तेंदुलकर को उम्मीद थी कि उनकी टीम ने मुकाबले को संघर्षपूर्ण बना दिया है। ब्रेबोर्न स्टेडियम पर मुंबई का ये भ्रम और मुकाबला दोनों ही पहले दस ओवर में खत्म हो गए। इस आईपीएल की सबसे सफल जोडी ने दस ओवरों में 85 रनों की साझेदारी कर डाली। मनीष पांडे ने एक बार फिर अच्छी शुरूआत दी। हालांकि वो अर्धशतक से चूक गए। वहीं जैक कैलिस का आईपीएल में ड्रीम रन जारी है। आईपीएल के पहले अफ्रीका टीम के भारतीय दौर का उन्हें पूरा फायदा मिल रहा है। उन्होंने खुद को भारतीय पिचों के लिहाज से ढाल लिया है। ये ही वजह है कि इस वेटरन बल्लेबाज ने गेंदबाजों की नींद उडा रखी है।
मुंबई के लिए पारी के दो ओवरों ने बडे स्कोर के मंसूबों पर पानी फेर दिया। जयसूर्या का विकेट एक बार फिर जल्दी गंवाने के बाद भी सचिन ने आदित्य तारे और सौरभ तिवारी के साथ तेज खेलकर टीम पर किसी तरह का दबाव नही आने दिया। इसके बावजूद मुंबई ने पहले दस ओवरों में तीन विकेट गंवा दिए। सचिन के मैदान पर डटे होने और बल्लेबाजी में गहराई होने की वजह से मुंबई के लिए चिंता की कोई बात नहीं थी। ऐसे में विनय कुमार पारी का 11 वां ओवर लेकर आए। विनय कुमार के इस ओवर में विकेटों की झडी लग गई। विनय ने ने इस ओवर में सबसे बडा विकेट हासिल किया। उन्होंने फार्म में चल रहे रायडू को पहले चलता किया और फिर सचिन को बोल्ड कर मुंबई के खेमें में खलबली मचा दी। इस झटके से मुंबई उबर पाती की इस ओवर की आखरी गेंद पर उन्होंने ब्रेवो को भी अपना शिकार बना दिया। फिर जब पोलार्ड और सतीश मुंबई को एक चुनौतीपूर्ण लक्ष्य की और ले जा रहे थे तो 18 वें ओवर में स्टेन ने इन दोनों को आउट कर दिया। इसके चलते अंतिम ओवरों में रन जुटाने की मुंबई की उम्मीदें ध्वस्त हो गई।
सचिन इस वक्त बेहतरीन टच में नजर आ रहे है। गेंदबाजों के लिए उनका विकेट लेना हमेशा से ही एक चुनौती रहा है लेकिन 2010 में तो उनका डिफेंस अभेद नजर आ रहा है। लेकिन हर दौर में सचिन कुछ एक विशेष शॉट्स लगाने में अपना विकेट गंवाते आए है। पहले वह शफल होकर मिड विकेट पर शॉट लगाने में कभी एलबीडब्ल्यू तो कभी बोल्ड होते रहे है। ऐसा ही एक दौर कव्हर ड्राईव्ह को लेकर भी आया था। अब सचिन पैडल शॉट्स खेलने के फेर में लगातार अपना विकेट गंवा रहे है। इस शॉट्स को सचिन अपने ही अंदाज में खेलते है। शेन वॉर्न की लेग स्टंप के बाहर की गेंदों का मुकाबला करने के लिए सचिन ने ये शॉट अपनाया था। अब ये ही शॉट्स सचिन के लिए आत्मघाती साबित हो रहा है। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरिज में शतक जमाने के बाद इसी तरह का शॉट्स खेलते हुए बोल्ड हुए थे। आईपीएल में राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ मैस्करेनस की गेंद पर इसी शॉट्स को खेलते हुए वे एलबीडब्ल्यू हुए तो विनय कुमार ने उन्हें बोल्ड कर दिया।
सचिन इस वक्त बेहतरीन टच में नजर आ रहे है। गेंदबाजों के लिए उनका विकेट लेना हमेशा से ही एक चुनौती रहा है लेकिन 2010 में तो उनका डिफेंस अभेद नजर आ रहा है। लेकिन हर दौर में सचिन कुछ एक विशेष शॉट्स लगाने में अपना विकेट गंवाते आए है। पहले वह शफल होकर मिड विकेट पर शॉट लगाने में कभी एलबीडब्ल्यू तो कभी बोल्ड होते रहे है। ऐसा ही एक दौर कव्हर ड्राईव्ह को लेकर भी आया था। अब सचिन पैडल शॉट्स खेलने के फेर में लगातार अपना विकेट गंवा रहे है। इस शॉट्स को सचिन अपने ही अंदाज में खेलते है। शेन वॉर्न की लेग स्टंप के बाहर की गेंदों का मुकाबला करने के लिए सचिन ने ये शॉट अपनाया था। अब ये ही शॉट्स सचिन के लिए आत्मघाती साबित हो रहा है। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरिज में शतक जमाने के बाद इसी तरह का शॉट्स खेलते हुए बोल्ड हुए थे। आईपीएल में राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ मैस्करेनस की गेंद पर इसी शॉट्स को खेलते हुए वे एलबीडब्ल्यू हुए तो विनय कुमार ने उन्हें बोल्ड कर दिया।
इस जीत के बाद बेंगलुरू का आत्मविश्वास सातवें आसमां पर है। बल्लेबाजी और गेंदबाजी का परफैक्ट काम्बिनेशन इस वक्त टीम को एक के बाद एक जीत दिला रहा है। कैलिस, पांडे और उत्थपा जबर्दस्त फार्म में है। गेंदबाजी में कप्तान अनिल कुंबले पर उम्र और संन्यास बिलकुल हावी नहीं है बल्कि ये गेंदबाज तो बल्लेबाजों पर हावी हो रहा है। कैलिस गेंद से भी कमाल दिखा रहे है तो विनय कुमार, डेल स्टेन और प्रवीण कुमार भी किसी से कम नहीं साबित हो रहे है। ऐसे में टीम के पास जीत का पूरा पैकेज मौजूद है। तो क्या माल्या की टीम इस बार खिताब हासिल कर के ही रहेगी। देखना दिलचस्प होगा।
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