किंग्स इलेवन के लिए आईपीएल सीजन3 में कुछ भी अच्छा नहीं हो रहा है। सुपर ओवर में चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ मिली जीत के बाद उम्मीद जगी की थी ये टीम एकजुट होकर वापसी कर सकती है। तीन बेहद नजदीकी मुकाबले गंवा देने वाली टीम के सामने राजस्थान रॉयल्स थी। दोनों ही टीमें इस वक्त आईपीएल में अंतिम दो पायदान पर चल रही थी। फिसडि्डयों की इस जंग में किंग्स इलेवन का पलडा भारी नजर आ रहा था। पंजाब के शेर तो कागजी साबित हुए लेकिन राजस्थान अब साधारण खिलाडियों के असाधरण प्रदर्शन की कहानी फिर दोहराती नजर आ रही है।
राजस्थान की और आईपीएल को एक और नये सितारे की सौगात मिल रही है। इस बार राजस्थान का परचम संतरों की नगरी नागपुर फैज फजल लहरा रहे है। ग्रीम स्मिथ और मेस्करनैस की गैर मौजूदगी से फजल को टीम में खेलने का मौका मिल रहा है और उन्होंने इस मौके का बखूबी फायदा उठाया है। फजल यूं तो ओपनिंग बल्लेबाज पर राजस्थान के लिए तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करने आ रहे है। किसी भी टीम में बल्लेबाजी का ये क्रम महत्वपूर्ण होता है। फजल इस जवाबदारी को समझ रहे है। पंजाब के खिलाफ भी नमन ओझा के आउट होने के बाद उन्होंने लम्ब के साथ मिलकर टीम के लिए मजबूत बुनियाद तैयार की। इसके बाद अंतिम ओवरों में तेज गति से रन बनाने की जरूरत थी तो वह वहां भी पीछे नहीं रहें। कोलकाता के खिलाफ भी उन्होंने कुछ इसी तरह की पारी खेली थी। वो राजस्थान की टीम की अहम कडी बनते जा रहे है।
ब्रेट ली की गैर मौजूदगी से पंजाब किंग्स इलेवन का गेंदबाजी पक्ष कमजोर नजर आ रहा है। पंजाब के गेंदबाजों में मानों इस बात को लेकर होड नजर आ रही है कि कौन सबसे ज्यादा रन देगा। पठान इस खेल में सबसे आगे निकल गए। उन्होंने चार ओवरों में 45 रन दिए तो शलभ श्रीवास्तव पठान से चार कदम आगे रहें। उन्होंने 49 लुटाए हालांकि एक विकेट भी उनके खाते में आया। श्रीसंत ने पहले मुकाबले में डेल्ही डेयरडेविल्स के खिलाफ अपनी गेंदबाजी से फार्म में लौटने के संकेत दिए थे। इसके बाद वह भी रन देने की मशीन साबित हुए। हालांकि इस राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ उन्होंने बेहतर गेंदबाजी की, लेकिन इसके बावजूद कप्तान उन्हें चौथा ओवर देने की हिम्मत जुटा नहीं पाए।
हालांकि राजस्थान का लक्ष्य बडा था लेकिन इतना बडा भी नहीं था जितनी बडे नाम किंग्स इलेवन की बेटिंग लाइन अप में थे। किंग्स इलेवन इस बार फिर नये ओपनिंग कॉम्बिनेशन के साथ मैदान में उतरी। फार्म में चल रहे रवि बोपारा का साथ दिया कप्तान संगकारा ने। दोनों ने चार ओवरों में 41 रनों की साझेदारी कर टीम को तूफानी शुरूआत दी। बिसाला और बोपारा ने दूसरे विकेट के लिए अच्छी साझेदारी कर टीम के स्कोर को 85 रनों पर पहुंचा दिया था। यहां पर बिसाला ने बोपारा का साथ छोड दिया। मजबूत मध्यक्रम के चलते किंग्स इलेवन के लिए लक्ष्य अब भी मुश्किल नहीं था। युवराज ने चेन्नई के खिलाफ फार्म में लौटने के संकेत दिए थे, लेकिन वह फार्म क्षणिक ही साबित हुआ। युवराज फिर असफल रहें। उन्होंने 13 गेंदों पर 15 रन बनाए। आईपीएल के पांच मैंचों में उन्होंने कुल मिलाकर 75 रन बनाए। युवराज से एक ही पारी में इतने रनों की उम्मीद की जाती है। युवराज के लौटने के बाद तो पंजाब ने 45 रनों पर सात विकेट गंवा दिए। मध्यक्रम का इससे शर्मनाक प्रदर्शन नहीं हो सकता। पॉवर प्ले में टीम ने 76 रन जोडे थे और केवल एक विकेट खोया था। वह टीम बीस ओवर भी पूरे नहीं खेल पाई। अगले तेरह ओवरों में टीम ने पावर प्ले से एक रन कम 75 रन बनाए लेकिन नौ विकेट खो दिए।
राजस्थान की टीम ने दो मैचों में मुकाबले जीत कर खोए हुए आत्मविश्वास को पाने के संकेत दिए है। टीम के संहारक यूसुफ पठान बडा स्कोर नहीं कर रहे है इसके बावजूद टीम जीत रही है। साधारण से माने जाने वाले खिलाडी अपनी चमक बिखेरने को बेताब है। शेन वॉर्न की गेंदबाजी भी पूरे शबाब पर नहीं है। विपक्षी टीम के लिए फिर भी हर लक्ष्य बडा साबित हो रहा है। पठान और त्रिवेदी ने खासतौर पर अपनी गेंदबाजी से प्रभावित किया है। टैट को भी लय मिलती दिख रही है। ऐसे में राजस्थान अब साफ्ट टारगेट नहीं है बल्कि अपनी थीम की तरह विरोधी टीमों पर हल्ला बोल रही है।
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