सचिन आला रे

सचिन तेंदुलकर और सौरव गांगुली की ओपनिंग जोडी वन डे इतिहास की सबसे सफलतम जोडी है। गांगुली का शुमार भारतीय क्रिकेट इतिहास के सर्वश्रेष्‍ठ सफल कप्‍तानों में होता है। क्रिस गेल को दुनिया का सबसे खतरनाक ओप‍िनिंग बल्‍लेबाज माना जाता है। ईशांत शर्मा गिनती इस दौर के सबसे तेज भारतीय गेंदबाजों में होती है। मुंबई के ब्रेबोर्न स्‍टेडियम पर सचिन ने इन सब बातों को बेमानी साबित कर दिया। इस मुकाबले में गांगुली, क्रिस गेल और ईशांत शर्मा एक खेमें में थे तो सचिन विरोधी टीम की नुमाइंदगी कर रहे थे। ओपनिंग बल्‍लेबाजी, कप्‍तानी और तेज गेंदबाजों को सबक सीखना, सचिन तीनों ही मामलों में इन तीनों सितारों पर अकेले ही भारी साबित हुए।
टी20 मुकाबले में रन कैसे बनें इससे ज्‍यादा महत्‍वपूर्ण होता है कि रन बनें। ऐसे में शास्‍त्रीय शैली से बल्‍लेबाजी करने के बावजूद गेंदबाजों का नरसंहार कोई देवदूत ही कर सकता है। क्रिकेट की दुनिया में डॉन ब्रेडमेन के बाद दूसरा देवदूत सचिन तेंदुलकर है। ब्रेबोर्न स्‍टेडियम पर सचिन ने एक बार फिर इसे साबित कर दिया। कोलकाता के खिलाफ उन्‍होंने जो पारी खेली टी20 क्रिकेट में ऐसी पारी की उम्‍मीद ख्‍वाबों में भी नहीं की जा सकती। 48 गेंदों पर 71 रनों की उनकी पारी में एक भी बिग हिट यानि की छक्‍का नहीं था। केवल टायमिंग और बेहतर प्‍लेसमेंट के जरिए उन्‍होंने ये रन अपने खातें में जमा किए। चार मैचों में सचिन का ये दूसरा अर्धशतक था। दोनों ही मुकाबलों में उन्‍होंने एक भी छक्‍का नहीं जमाया लेकिन स्‍ट्राईक रेट जबर्दस्‍त रहा।

सचिन की पारी ने न केवल मुंबई को विजयी दिलवाई बल्कि उन्‍होंने विरोधी टीम के सबसे मुख्‍य हथियार ईशांत शर्मा को भी नेस्‍तनाबूद कर दिया। सचिन ने ईशांत शर्मा के पहले और दूसरे दोनों ओवरों में तीन तीन चौंके जमाए। सचिन ने ईशांत की 16 गेंदों का सामन किया। इन 16 गेंदों पर सचिन ने 36 रन बनाए। इस दौरान सचिन ने ईशांत की गेंदों को आठ बार बाउण्‍ड्री लाइन के पार पहुंचाया। ईशांत जितना दम लगाकर गेंद फेंक रहे थे सचिन उतनी ही आसानी से इनका सामना कर रहे थे।


इस मुकाबले के बाद ईशांत को बेहद अच्‍छे तरीके से पता चल गया होगा कि मास्‍टर का बल्‍ला कैसे इतने लंबे समय से अंतर्राष्‍ट्रीय क्रिकेट में ब्‍लास्‍ट कर रहा है। सचिन ने जब क्रिकेट खेलना शुरू किया उस वक्‍त ईशांत शर्मा की उम्र महज एक साल थी। अपनी उम्र के बराबर अनुभव रखने वाले इस महानायक की बल्‍लेबाजी जो सबक ईशांत को मिला, व‍ह जिंदगी में और किसी से नहीं मिला होगा। ईशांत इस मुकाबले के बाद ऐसे गेंदबाजों की सूची में सबसे शीर्ष पर पहुंच गए है जिनकी गेदों पर आईपीएल में सबसे ज्‍यादा चौंके जडे गए है। शाहरूख की टीम में ईशांत सबसे मारक हथियार थे, लेकिन फिलहाल वह टीम के लिए आत्‍मघाती साबित हो रहे है।

सचिन की बल्‍लेबाजी पर लिखा जाए तो लफ्ज हो या अलंकार सब कुछ कम पडेगा, लेकिन इस मुकाबले में सचिन की कप्‍तानी की तारीफ करनी होगी। गांगुली जैसे आक्रमक कप्‍तान के आगे बेहद शालीनता से कप्‍तानी करने वाले सचिन की रणनीति भी विरोधी टीम पर भारी पडी। सचिन ने विरोधी टीम का पूरा होमवर्क किया था। सचिन ने हर बल्‍लेबाज के मजबूत और कमजोर पक्ष को देखते हुए गेंदबाजी में बदलाव किए तो फील्डिंग की जमावट में भी उन्‍होंन कुछ ऐसा ही ध्‍यान में रखा। मलिंगा की धीमी गेंदों ने कहर बरपाया तो जहीर खान भी पूरे रंग में नजर आए। हरभजन सिंह अब तक अपने नाम के मुताबिक गेंदबाजी करते नहीं दिख रहे थे। इस मुकाबले में वह भी उसी लय में लौटते दिखें। हरभजन सिंह ने चार ओवरों में महज 17 रन देकर एक विकेट हासिल किया। सचिन की बल्‍लेबाजी के अलावा हरभजन की गेंदबाजी ही आखिर में दोनों टीमों के बीच का सबसे बडा अंतर साबित हुआ।

कोलकाता नाइटराइडर्स की हार का सिलसिला खत्‍म नहीं हो रहा है। क्रिस गैल की मौजूदगी से उम्‍मीद जगी थी कि इस मुकाबले में कोलकाता की टीम एक बडा स्‍कोर खडा करेगी। गैल ने रन तो बहुत बनाए और गांगुली ने उनका साथ भी बखूबी दिया, लेकिन दोनों की बल्‍लेबाजी देख ऐसा लग रहा था कि ये टी20 नहीं बल्कि पचास पचास ओवरों का मुकाबला खेल रहे हो। ऐसे में विकेट हाथ में होने के बावजूद नाइट राइडर्स मुंबई के सामने एक ऐसा लक्ष्‍य नहीं रख पाए जो चुनौतीपूर्ण हो। जाहिर है कोलकाता के लिए आगे की राह बेहद मुश्किल है। इस टीम ने जितने जोरदार तरीके इस सीजन की शुरूआत की थी उतने ही जोरदार तरीके से अब ये टीम विरोधी टीम के हाथों पटकनी खा रही है।

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