ओल्‍ड इज गोल्‍ड

एडम गिलक्रिस्‍ट और एंड्रयू सायमंडस आस्‍ट्रेलिया टीम का तो चामिंडा वास श्रीलंका टीम का हिस्‍सा नहीं है। चामिंडा वास टेस्‍ट क्रिकेट से संन्‍यास ले चुके है। गिलक्रिस्‍ट ने आईपीएल को छोड सभी प्रकार के क्रिकेट को अलविदा कह दिया है तो सायमंडस को अपने व्‍यवहार के चलते टीम से बाहर का रास्‍ता दिखा दिया गया है। ये तीनों ही फिलहाल इंटरनेशनल क्रिकेट से दूर है लेकिन इनके खेल पर इसका जरा सा भी असर नहीं दिख रहा है। इन तीनों के संयुक्‍त प्रयास से डेक्‍कन चार्जर्स को शुक्रवार को आईपीएल में पहली बार अपने घरेलू मैदान पर जीत नसीब हुई है।

गिलक्रिस्‍ट ने गत विजेता डेक्‍कन को एक बार फिर धमाकेदार शुरूआत दी। श्रीसंत के दूसरे ओवर में उन्‍होंने 24 रन बटोरें। तीसरें ओवर की आखरी गेंद पर जब शलभ श्रीवास्‍तव ने गिलक्रिस्‍ट को आउट किया तब तक स्‍कोर बोर्ड 43 रनों तक जा पहुंचा था। लक्ष्‍मण के चोटिल होने के बाद हर्शल गिब्‍स और सायमंडस ने मोर्चा संभाला। हालांकि पीयूष चावला और बिपुल शर्मा की कसी हुई गेंदबाजी के चलते डेक्‍कन के रनों की गति तेजी पर रोक लग गई। 9 ओवर खत्‍म होने तक टीम का स्‍कोर 84 रनों तक जा पहुंचा था। ऐसे में जब किंग्‍स इलेवन के गेंदबाज हावी हो रहे थे तो श्रीसंथ एक बार फिर महंगे साबित हुए। इनिंग के दूसरे ओवर में 24 रन दिए तो दोबारा जब दसवें ओवर में उन्‍हें गेंद सौंपी गई तो फिर उन्‍होंने 16 रन दे दिए।

युवराज के गेंद संभालने के बाद फिर डेक्‍कन के रनों की गति पर लगाम लगी। टीम एक वक्‍त 200 के लक्ष्‍य तक पहुंचती नजर आ रही थी, लेकिन लगातार अंतराल से विकेट गिरते गए जिसके चलते स्‍कोर तेजी से नहीं बढ पाया। इसी दरमियान सायमंडस ने अपना अर्धशतक पूरा किया और वह भी युवराज सिंह का शिकार किया। अंतिम ओवरों में सुमन और वास ने कुछ लंबे शॉट्स लगाकर स्‍कोर को 170 तक पहुंचाया।

पंजाब किंग्‍स इलेवन की गेंदबाजी भले ही कमजोर हो लेकिन उनकी बल्‍लेबाजी बेहद मजबूत मानी जाती है। डेक्‍कन को 170 रनों पर रोकने के बाद किंग्‍स इलेवन का पक्ष मजबूत माना जा रहा था। प्रिटी जिंटा की टीम को बस जरूरत थी एक खूबसूरत शुरूआत की, लेकिन पुराने चावल चामिंडा वास ने सारा स्‍वाद किरकिरा कर दिया। अपने पहले ही स्‍पेल में उन्‍होंने संगकारा और युवराज को चलता करता किंग्‍स इलेवन को बैकफुट पर ला दिया। दसवें ओवर तक 57 रनों पर किंग्‍स इलेवन की आधी टीम पेवेलियन जा पहुंची थी। वास के अलावा सायमंडस ने बल्‍ले के बाद गेंद से भी कमाल दिखाया और जयवर्धने का महत्‍वपूर्ण विकेट हासिल किया।

ऐसे में ये मुकाबला महज औपचारिक नजर आ रहा था। नीरस अंत की और बढते इस मुकाबले में इरफान पठान ने जान फूंक दी। उन्‍होंने 29 गेंदों पर 60 रन बनाए और मुकाबले को अंतिम ओवर तक ले गए। अंतिम ओवर में जीत के लिए 19 रनों की जरूरत थी और गेंद जसकरण सिंह के हाथों में थी। जसकरण पूरे मैच में कप्‍तान गिलक्रिस्‍ट से बालिंग के लिए गुहार लगाते रहें। ऐसे में जब सभी प्रमुख गेंदबाजों का कोटा पूरा हो गया तो कप्‍तान अंतिम ओवर में जसकरण की याद आई। इरफान जिस फार्म में नजर आए रहे थे, इसके चलते जसकरण को गेंद सौंपना एक बडा खतरा मोल लेना था। बहरहाल, जसकरण ने कप्‍तान को निराश नहीं किया। पहली ही गेंद पर उन्‍होंने इरफान को आउट कर डेक्‍कन खेमें की चिंता दूर कर दी। बाकी बची गेंदों पर 12 रन देकर उन्‍होंने गत विजेता टीम की जीत सुनिश्चित कर दी।

पंजाब की हार के लिए उसके सीनियर खिलाडी जिम्‍मेदार है। जयवर्धने, युवराज और कप्‍तान संगकारा में से किसी एक से बडी पारी की उम्‍मीद टीम को थी। तीनों ने ही टीम प्रबंधन को खासा निराश किया। टीम अपने तीनों मुकाबले गंवा चुकी है और अंक तालिका में उसका खाता भी नहीं खुला है। फिलहाल ये टीम किसी भी तरह से विरोधी टीम के लिए खतरा नजर नहीं आ रही है। टीम के गेंदबाज का प्रदर्शन अच्‍छा रहता है तो बल्‍लेबाज निराश कर रहे है और जब बल्‍लेबाज चमकते है तो गेंदबाज टीम की नैया को डूबो रहे है। ऐसे में टीम में जीत का जस्‍बां नजर नहीं आ रहा है। विरोधियों से निपटने के पहले संगकारा के लिए सबसे बडी चुनौती टीम के खोए हुए आत्‍मविश्‍वास को वापस लाना होगी।

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