क्‍या इतिहास दोहरा रहा है.....

ईडन गॉडर्न पर जब सौरव गांगुली टॉस के लिए उतरे थे तो उनकी टीम को चेन्‍नई सुपर किंग्‍स के खिलाफ जीत का तगडा दावेदार माना जा रहा था। चेन्‍नई सुपर किंग्‍स की बल्‍लेबाजी के पहले पन्‍द्रहवें ओवरों की पांचवी गेंद तक भी एसआरके की टीम का पलडा भारी नजर आ रहा था। मैथ्‍यूज के इस ओवर की आखरी गेंद पर महेन्‍द्र सिंह धोनी ने सीमा रेखा के पार पहुंचाया था। ये इनिंग का पहला छक्‍का था और इसके बाद बद्रीनाथ और धोनी ने पीछे मुडकर नहीं देखा। खासतौर पर धोनी ने तो अपने बल्‍ले से कत्‍लेआम मचा दिया।

शेन बांड, ईशांत शर्मा, मैथ्‍यूज और लक्ष्‍मीरतन शुक्‍ला ने कोलकाता नाइटराइडर्स को एक परफेक्‍ट शुरूआत दी थी। हेडन, रैना और मुरली विजय तीन महत्‍वपूर्ण विकेट और साथ ही रनों की गति पर अंकुश। यहां तक की हॉज और मुरली कार्तिक ने भी अपनी गेंदों से दादा के चेहरे पर मुस्‍कान ला दी थी। चौदह ओवर की समाप्ति के बाद सुपर किंग्‍स का स्‍कोर तीन विकेट पर 81 रन था। रनों बनाने की गति छह रन प्रति ओवर से भी कम थी। वहीं आखरी छह ओवरों में लगभग चौदह के औसत से बद्रीनाथ और धोनी ने 83 रन जोड डालें।

चेन्‍नई के कमजोर शुरूआत के बावजूद बडा स्‍कोर करने की वजह से गांगुली बिग्रेड पर दबाव साफतौर पर झलक रहा था। मार्केल ने अपने इनिंग की दूसरी ही बॉल पर हॉज को आउट कर कोलकाता नाइटराइडर्स को जबर्दस्‍त झटका दिया। अगले ही ओवर में दो चौके जमाने के बाद मनोज तिवारी भी गोनी का शिकार हो गए। गांगुली के 12 गेंदों पर महज दो रन ने कोलकाता को पूरी तरह बैकफुट पर ला खडा कर दिया। ऐसे में रन गति बढाने का सारा दबाव साहा पर आ गया। उन्‍होंने कुछ लंबे शॉटस लगाकर स्‍कोर को आगे बढाया, लेकिन मार्केल और गोनी की तरह बालाजी को भी अपने पहले ही ओवर में सफलता हाथ लगी। बालाजी ने साहा के डिफेंस को भेदते हुए मिडिल स्‍टंप उडा दिया।

कोलकाता को आईपीएल3 में पहली जीत दिलाने वाले भरोसेमंद ओवेस शाह और मैथ्‍यूज के सस्‍ते में निपटने के बाद सुपर किंग्‍स की जीत महज औपचारिकता रह गई थी। करारी शिकस्‍त के लिए गांगुली ने अंतिम ओवरों में रन लुटाने और खासतौर पर बल्‍लेबाजों के असफल रहने को जिम्‍मेदार बताया। हालांकि सबसे गैर जिम्‍मेदाराना बल्‍लेबाजी गांगुली की ही रहीं। इंटरनेशनल क्रिकेट से दूर रहने का असर उनकी बल्‍लेबाजी पर साफ दिख रहा है। उनके बल्‍ले की स्‍वीट टाइमिंग वक्‍त के साथ फीकापन आ रहा है। उनके शॉट्स से वह रंगत गायब है जिसके लिए उन्‍हें ऑफ साइड का भगवान का कहां जाता था।

खास बात ये है कि इस मुकाबले को गांगुली और धोनी के बीच टक्‍कर के रूप में देखा जा रहा था। भारत के दो सफलतम कप्‍तानों के इस मुकाबले में जीत धोनी की हुई और दोनों टीमों के बीच सबसे बडा अंतर भी वहीं साबित हुए। महज 33 गेंदों पर उनके बनाए 66 रन अंत में निर्णायक साबित हुए। कोलकाता के लिए लक्ष्‍य मुश्किल नहीं था। जीत के लिए उसे जरूरत थी सधी हुई शुरूआत और कुछ अच्‍छी साझेदारी की, लेकिन कोलकाता की पारी ताश के पत्‍तों की तरह बिखर गई।

इतिहास के बारे में ये कहां जाता है कि ये केवल किताबों में ही रिपीट होता है, लेकिन आईपीएल में भी इस बार कुछ ऐसा ही हो रहा है। आईपीएल सीजन1 की तरह ही इस सीजन में भी कोलकाता नाइटराइडर्स की शुरूआत धमाकेदार रही है। पहले सीजन की तरह इस बाद भी टीम ने डेक्‍कन चार्जर्स और रॉयल चैलेंजर्स को हराकर अपने अभियान की शुरूआत की है। ये ही नहीं पहले सीजन की तरह ही तीसरे मुकाबले में कोलकाता के विजय रथ को चेन्‍नई सुपर किंग्‍स ने ही रोका है। पहले सीजन में पहली हार के बाद कोलकाता की टीम पिछडती ही गई और तब ये टीम अंतिम पायदान पर रही थी। ऐसे में शाहरूख को ये डर सता रहा होगा कि क्‍या इतिहास दोहरा रहा है।

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