रॉबिन उत्थपा। एक ऐसा नाम जो कुछ समय पहले तक टीम इंडिया का सबसे अहम हिस्सा माना जाता था। टी20 हो या वन डे एमएस धोनी के हर प्लान में वो फिट बैठते थे। धोनी ने तो टी20 वर्ल्ड कप में पाकिस्तान के खिलाफ बॉल आउट में उन्हें गेंद भी थमा दी थी। वहीं रॉबिन उत्थपा पिछले कुछ समय से इंटरनेशनल क्रिकेट से दूर नजर आ रहे है। अपनी इस हालत के लिए कोई और नहीं खुद रॉबिन ही जिम्मेदार है। ये खिलाडी अपनी प्रतिभा के साथ न्याय नहीं कर पा रहा था। ये ही वजह की एक के बाद एक मिली असफलता ने उन्हें टीम से बाहर का रास्ता दिखा दिया। लेकिन, किंग्स इलेवन पंजाब के खिलाफ रॉबिन उसी पुरानी लय में दिखें। उनकी बल्लेबाजी में उसी रॉबिन की झलक दिखी जिस पर टीम इंडिया को नाज था और विरोधी टीम खौफ खाती थी।
दरअसल, इतने बडे लक्ष्य का पीछा करने जितनी मजबूत और तेज शुरूआत की जरूरत रॉयल चैलेंजर्स को थी, मनीष पांडे और वेटरन जैक कैलिस कुछ ऐसी ही साझेदारी पहले विकेट के लिए निभाई। रॉबिन ने इसी शुरूआत का भरपूर फायदा उठाया और वो किंग्स इलेवन के गेंदबाजों पर टूट पडे। मैन ऑफ द मैच भले ही कैलिस को उनकी 89 रनों की पारी के लिए चुना गया हो, लेकिन बेंगलुरू को जीत की राह पर रॉबिन की पारी ने ही लाया। महज 21 गेंदों पर उनकी 51 रनों की पारी ने किंग्स इलेवन के जीत के ख्वाब को तहस नहस कर दिया।
टॉस जीतकर बल्लेबाजी करने का फैसला संगकारा को रास आया। बोपारा और बिसला की जोडी ने तूफानी शुरूआत की। अनुभवी जयवर्धने ने अंतिम ओवरों में कुंबले की गेंद पर कुछ बेहद आकर्षक शॉट्स लगाकर टीम के स्कोर को 200 के पार पहुंचा दिया। इतना बडा स्कोर खडा होने के बाद कोई भी कप्तान इतना भरोसा कर सकता है कि वो मुकाबला जीतने की स्थिति में है। कुछ ऐसा ही भरोसा संगकारा को था, लेकिन हुआ वह जिसकी आशंका टीम की मालकिन प्रिटी जिंटा ने इनिंग ब्रेक के दौरान जताई थी। प्रिटी ने चिन्नास्वामी स्टेडियम के विकेट को बल्लेबाजों क लिए आदर्श बताते हुए कहां था कि 203 रनों का स्कोर भी हासिल किया जा सकता है। प्रिटी की आशंका न केवल सही साबित हुई बल्कि टीम ने बडी आसानी से मुकाबला गंवा दिया।
ब्रेट ली के घायल होने और इरफान पठान के लय में नहीं होने की वजह से पंजाब की सबसे कमजोरी कडी उसकी गेंदबाजी ही है। बेंगलुरू के बल्लेबाजों के जबर्दस्त फार्म के आगे टीम की ये कमजोरी खुलकर सामने आ गई। पार्ट टाइम गेंदबाज के रूप में बोपारा और बिपुल शर्मा ने बल्लेबाजों पर थोडी नकेल कसने की कोशिश की, लेकिन कैलिस और उत्थपा का तूफान पंजाब की कश्ती को डूबो गया। पंजाब का अगला मुकाबला मजबूत समझी जाने वाली डेक्कन चार्जर्स के खिलाफ है, टीम का ऐसा ही लचर प्रदर्शन जारी रहा तो फिर आईपीएल3 में टीम की आगे की राह मुश्किल हो जाएगी। शायद टीम को जादू की झप्पी की जरूरत है।
दरअसल, इतने बडे लक्ष्य का पीछा करने जितनी मजबूत और तेज शुरूआत की जरूरत रॉयल चैलेंजर्स को थी, मनीष पांडे और वेटरन जैक कैलिस कुछ ऐसी ही साझेदारी पहले विकेट के लिए निभाई। रॉबिन ने इसी शुरूआत का भरपूर फायदा उठाया और वो किंग्स इलेवन के गेंदबाजों पर टूट पडे। मैन ऑफ द मैच भले ही कैलिस को उनकी 89 रनों की पारी के लिए चुना गया हो, लेकिन बेंगलुरू को जीत की राह पर रॉबिन की पारी ने ही लाया। महज 21 गेंदों पर उनकी 51 रनों की पारी ने किंग्स इलेवन के जीत के ख्वाब को तहस नहस कर दिया।
टॉस जीतकर बल्लेबाजी करने का फैसला संगकारा को रास आया। बोपारा और बिसला की जोडी ने तूफानी शुरूआत की। अनुभवी जयवर्धने ने अंतिम ओवरों में कुंबले की गेंद पर कुछ बेहद आकर्षक शॉट्स लगाकर टीम के स्कोर को 200 के पार पहुंचा दिया। इतना बडा स्कोर खडा होने के बाद कोई भी कप्तान इतना भरोसा कर सकता है कि वो मुकाबला जीतने की स्थिति में है। कुछ ऐसा ही भरोसा संगकारा को था, लेकिन हुआ वह जिसकी आशंका टीम की मालकिन प्रिटी जिंटा ने इनिंग ब्रेक के दौरान जताई थी। प्रिटी ने चिन्नास्वामी स्टेडियम के विकेट को बल्लेबाजों क लिए आदर्श बताते हुए कहां था कि 203 रनों का स्कोर भी हासिल किया जा सकता है। प्रिटी की आशंका न केवल सही साबित हुई बल्कि टीम ने बडी आसानी से मुकाबला गंवा दिया।
ब्रेट ली के घायल होने और इरफान पठान के लय में नहीं होने की वजह से पंजाब की सबसे कमजोरी कडी उसकी गेंदबाजी ही है। बेंगलुरू के बल्लेबाजों के जबर्दस्त फार्म के आगे टीम की ये कमजोरी खुलकर सामने आ गई। पार्ट टाइम गेंदबाज के रूप में बोपारा और बिपुल शर्मा ने बल्लेबाजों पर थोडी नकेल कसने की कोशिश की, लेकिन कैलिस और उत्थपा का तूफान पंजाब की कश्ती को डूबो गया। पंजाब का अगला मुकाबला मजबूत समझी जाने वाली डेक्कन चार्जर्स के खिलाफ है, टीम का ऐसा ही लचर प्रदर्शन जारी रहा तो फिर आईपीएल3 में टीम की आगे की राह मुश्किल हो जाएगी। शायद टीम को जादू की झप्पी की जरूरत है।
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