रॉयल चैलेंजर्स का रूतबा बरकरार

आईपीएल सीजन 3 के पहले 9 मुकाबलों में से अधिकांश मुकाबलों में क्रिकेट का रोमांच अपने चरम पर था। शुरूआती मुकाबलों के नतीजें तो अंतिम ओवरों में ही तय हुए, लेकिन गुरूवार को बेंगलुरू रॉयल चैलेंजर्स और राजस्‍थान रॉयल्‍स के बीच मुकाबला महज 30 ओवर और 4गेंदों में खत्‍म हो गया। खास बात ये भी रही कि अब तक के मुकाबलों में बल्‍लेबाजों का दबदबा रहा। टी20 क्रिकेट का मिजाज भी ये ही कहता है, लेकिन ये मुकाबला पूरी तरह से गत उपविजेता रॉयल चैलेंजर्स के गेंदबाजों के नाम रहा। पहले पांच ओवरों में महज 27 रन बनें और गेंद दो बार ही सीमा रेखा के बाहर गई। इसके ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि बेंगलुरू के गेंदबाजों का किस तरह से दबदबा रहा।

ग्रीम स्मिथ, मेस्‍करेनस और शेन वॉटसन ये तीनों अब तक राजस्‍थान रॉयल्‍स की बल्‍लेबाजी की रीढ माने जाते रहे है। स्मिथ और मेस्‍करेनस चोट के चलते आईपीएल के अलविदा कह चुके है तो शेन वॉटसन फिलहाल न्‍यूजीलैंड में टेस्‍ट सीरिज खेल रहे है। ऐसे में अपने प्रमुख बल्‍लेबजों के बगैर मैदान में उतरी रॉयल्‍स की टीम बेंगलुरू के गेंदबाजों की सटीक लाइन और लेंग्‍थ के सामने असहाय नजर आए। कैलिस और स्‍टेन की कहर बरपाती गेंदों के बीच प्रवीण कुमार और अनिल कुंबले की कसावट भरी गेंदबाजी कर रॉयल्‍स के बल्‍लेबाजों को हावी होने का मौका ही नहीं दिया।

इस मुकाबले का 17 वां ओवर आईपीएल के इतिहास में हमेशा हमेशा के लिए दर्ज हो गया। 16 वें ओवर की समाप्ति पर राजस्‍थान का स्‍कोर चार विकेट पर 80 था। इस ओवर के बाद स्‍कोर में पांच रनों का इजाफा हुआ लेकिन साथ राजस्‍थान के विकेट की संख्‍या चार से बढकर सात हो गई। प्रवीण कुमार ने ओवर की शुरूआत वाइड गेंद से की। इसके बाद मार्टिन ने चौंका जमाया और अगली तीन गेंदों पर आईपीएल3 की पहली हैट्रिक देखने को मिली। मार्टिन, नरवल और अब तक राजस्‍थान की बल्‍लेबाजी का कुछ हद तक रूतबा बचाने वाले झुनझुनवाला लगातार तीन गेंदों पर प्रवीण कुमार के शिकार बनें। प्रवीण आईपीएल के इतिहास में है सातवें गेंदाबज है जिन्‍होंने हैट्रिक ली है। युवराज सिंह इकलौते ऐसे खिलाडी है जिनके नाम पर दो हैट्रिक दर्ज है।

कुंबले की कप्‍तानी की तारीफ करनी होगी। वो मुकाबले के पहले अपना होमवर्क पूरी तरह से किया हुआ था। खासतौर पर यूसुफ पठान की कमजोरी को उन्‍होंने भांप लिया था। पठान जैसे ही बल्‍लेबाजी के लिए आए उन्‍होंने स्‍टेन को गेंद सौंप दी। स्‍टेन की रफ्तार और शार्ट पिच गेंदों ने पठान पर लगाम कस दी। पठान ने भले ही 26 रन बनाए हो, लेकिन विनय कुमार को दो गेंदों पर दो लगातार छक्‍कों जमाने के अलावा वे कभी भी रॉयल चैलेंजर्स के लिए खतरा बनते नहीं दिखें।

आईपीएल2 में बेंगलुरू टीम ने शुरूआती असफलता के बाद यदि फायनल तक का सफर तय किया था तो उसमें बैटिंग लाइन का सबसे अहम योगदान था। जैक कैलिस और मनीष पांडे की जोडी और फिर वन डाउन पर रॉबिन उत्‍थपा एक बेहतर शुरूआती लाइन अप नजर आती है। इस सीजन की शुरूआत में बेंगलुरू ने इस जोडी के बजाए कैलिस और श्रीवत्‍स गोस्‍वामी को आजमाया। नतीजा कोलकाता के खिलाफ टीम को मिली करारी शिकस्‍त। इसके बाद टीम उसी पुरानी बैटिंग लाइन अप पर आई तो जीत की लय भी मिलती दिख रही है। पंजाब किंग्‍स इलेवन की तरह राजस्‍थान रॉयल्‍स के पास भी कैलिस और पांडे के बेहतरीन फार्म का कोई तोड नहीं था। इन दोनों ने ताबडतोड बल्‍लेबाजी कर 93 रनों के लक्ष्‍य को और बौना कर दिया।

राजस्‍थान रॉयल्‍स के कप्‍तान शेन वॉर्न की बात की जाए तो आईपीएल में अब तक उनकी छबि एक ऑलराउंडर की बनी थी। गेंद और बल्‍ले के साथ साथ उन्‍होंने अपनी कप्‍तानी से भी खास प्रभावित किया था। इस बार उनमें वो चमक देखने को नहीं मिल रही है। उन्‍होंने अब तक बतौर कप्‍तान जो भी प्रयोग किए है वो असफल ही साबित हुए है। सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि दुनिया के सर्वश्रेष्‍ठ फिरकी गेंदबाजों में शुमार ये खिलाडी अब तक तीन मैचों में महज एक विकेट हासिल कर पाया है। राजस्‍थान की असफलता में वार्न की व्‍यक्तिगत असफलता भी एक बडी वजह बनकर उभर रही है।

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