पैलेस ऑन व्‍हील्‍स हुई बेपटरी

आईपीएल1 में राजस्‍थान रॉयल्‍स के चैंपियन बनने का राज रिसोर्सेस का बेहतर प्रबंधन में छुपा हुआ था। उत्‍साह से लबरेज नये खिलाडियों और अनुभव के मिश्रण से इस टीम ने आईपीएल के पहले सीजन में सफलता का परचम लहराया था। अ‍ब ये ही उत्‍साह और प्रबंधकीय कौशल टीम में नजर नहीं आ रहा है, इसका नतीजा पाइंट टेबल्‍स पर साफ तौर पर झलक रहा है। डेयरडेविल्‍स से हार का मतलब दो मुकाबलों के बाद भी रॉयल्‍स का खाता नहीं खुल पाया है। जादुई कप्‍तान कहें जाने वाले शेन वार्न को जीत का मंत्र नहीं मिल रहा है।

दरअसल, राजस्‍थान खुद अपनी इस हालत के लिए जिम्‍मेदारह है। ये टीम अब बतौर यूनिट नहीं बल्कि कुछ खिलाडियों के चमत्‍कारिक प्रदर्शन पर निर्भर होती जा रही है। पहले सीजन में रॉयल्‍स की बल्‍लेबाजी भी चमकी थी तो गेंदबाजी में उम्‍दा प्रदर्शन रहा था। शेन वॉटसन, सोहेल तनवीर, यूसुफ पठान, रवीन्‍द्र जडेजा और असनोदकर के साथ साथ खुद कप्‍तान शेन वार्न पूरे रंग में थे। तनवीर टीम का हिस्‍सा नहीं है और वाटसन न्‍यूजीलैंड में टेस्‍ट सीरिज खेल रहे है। इसके अलावा रवीन्‍द्र जडेजा पर एक साल का प्रतिबंध लग गया है। जाहिर है टीम में काफी बिखराव है और इसका असर मैदान पर साफ झलकता भी है। हालांकि इसके बावजूद टीम में कई ऐसे खिलाडी है जो रॉयल्‍स को सेमीफायनल में पहुंचाने की क्षमता रखते है, लेकिन ऐसा तभी हो सकता है जब पूरी टीम जीत के लिए सब कुछ झोंक दें।

शेन वार्न अपने खुद के प्रदर्शन से तो नाखुश होंगे ही, लेकिन जिस तरह लंबी पारी की उम्‍मीद उन्‍हें ग्रीम स्मिथ से है वे उस पर खरा नहीं उतर पा रहे है। इसके अलावा शान टैट ने लगातार दो मैचों में टीम को निराश किया है। आईपीएल3 के शुरू होने के पहले उन्‍हें रॉयल्‍स के तरकश में सबसे खतरनाक हथियार माना जा रहा था। फिलहाल तो वो फुस्‍सी बम ही साबित हो रहे है। इसके अलावा उन्‍होंने महत्‍वपूर्ण मौके पर सहवाग का कैच छोड दिया और मुंबई इंडियंस के खिलाफ भी उनका क्षेत्ररक्षण बेहद खराब रहा था।

रॉयल्‍स के लिए राहत की कोई बात है तो वो अभिषेक झुनझुनवाला का प्रदर्शन है। मुंबई इंडियंस के खिलाफ भी वे अच्‍छे टच में नजर आए और अहमदाबाद में भी विपरीत परिस्थितियों में उन्‍होंने शानदार अर्धशतक जमाया। वर्ना रॉयल्‍स की हार इतनी सम्‍मानजनक भी नहीं होती। वहीं डोगरा ने भी लगातार अपनी बल्‍लेबाजी से प्रभावित किया है। यूसुफ की कमजोरी इस मुकाबले में एक बार फिर सामने आई। यदि उन्‍हें शुरू में बांध दिया जाए तो वो खराब शॉट्स खेलकर विकेट गंवा देते है, दिल्‍ली के खिलाफ भी वो अपनी इस आदत से बाज नहीं आए।

आईपीएल के तीसरा सीजन है और तीसरी बार डेयरडेविल्‍स को खिताब का तगडा दावेदार माना जा रहा है। पहले दो सीजन में तो खिताब उनके खाते में नहीं गया, लेकिन इस बार डेयरडेविल्‍स का इरादा कुछ और ही नजर आ रहा है। टीम की बल्‍लेबाजी आठों टीमों में सबसे मजबूत मानी जा रही है। वहीं गेंदबाजी में विविधता होने से फिलहाल डेयरडेविल्‍स टूर्नामेंट में सबसे बडी चुनौती बनकर उभर रही है। नये कप्‍तान ने दो मुकाबले में चार अंक हासिल कर जता दिया है कि इस बार उनकी टीम कोई भी मौका चुकना नहीं चाहेगी।

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