शनिवार की शाम बॉलीवुड की दो अदाकारों के लिए खुशनुमा वीक एंड लेकर नहीं आई। यूसुफ पठान के तूफानी शतक के बावजूद शिल्पा शेट्टी की टीम मुंबई इंडियंस की चुनौती को पार नहीं कर पाई तो वहीं इरफान पठान के अंतिम क्षणों में छोडे गए आसान कैच ने प्रिटी जिंटा को भी मुस्कुराने का मौका नहीं दिया। हर बार की हॉट फेवरेट मानी जाने वाली प्रिटी की टीम की शुरूआत इस बार भी बेहद कमजोर रही है। चोट से जुझ रही ये टीम अपने पहले मुकाबले में बिखरी बिखरी नजर आई।
आईपीएल का ये तीसरा मुकाबला था और तीनों ही मुकाबले में नतीजा अंतिम ओवर में तय हुआ है। इस मुकाबले में भी भले ही वहीं कहानी दोहराई गई हो, लेकिन ये कभी नहीं लगा की डेयरडेविल्स ये मुकाबल हार सकते है। श्रीसंथ के पहले ओवर को छोड दिया जाए तो किंग्स इलेवन कभी भी मुकाबले में दिखी ही नहीं। डेयरडेविल्स के गेंदबाजों ने विकेट हासिल किए इसके बजाए ये कहना बेहतर होगा कि किंग्स इलेवन के बल्लेबाज ने अपना विकेट उपहार में भेट करते हुए पेवेलियन लौट रहे थे।
सहवाग और फिर दिलशान के एक ही ओवर में आउट हो जाने के बाद गंभीर का वहीं अंदाज नजर आया जो इन्हें इन दिनों मिस्टर डिपेंडेबल का ताज दिला रहा है। डेयरडेविल्स की पारी पूरी तरह उनके ईद गिर्द संवरती रहीं। गौतम ने गेंदबाजों को कोई मौका नहीं दिया। बेहद संयमित और कप्तानी भरी पारी खेलते हुए गंभीर ने टीम को जीत की दहलीज पर ला खडा कर दिया था। गंभीर जब आउट हुए तब डेयरडेविल्स की जीत महज औपचारिकता भर रह गई थी।
किंग्स इलेवन के लिए ये मुकाबला एक बडा झटका है। टीम के सभी खिलाडियों को साथ बैठकर सोचना होगा कि घरेलू मैदान पर टीम की ऐसी बुरी गत क्यों हुई। श्रीसंथ की गेंदबाजी और बोपारा का अर्धशतक छोड किंग्स इलेवन को इस मुकाबले से कुछ भी हासिल नहीं हुआ है। उल्टा जिस तरह बल्लेबाजों ने अपने विकेट थ्रो किए उससे टीम के आत्मविश्वास को जरूर बडा झटका लग सकता है।
मुकाबले के पहले दिनेश कार्तिक ने टीम की गेंदबाजी को लेकर चिंता जताई थी। आज के मुकाबले में टीम के गेंदबाजों में कुछ खास कमी नहीं दिखी, लेकिन टीम का मजबूत पक्ष उसकी बल्लेबाजी है। मजबूत मध्यक्रम के चलते ही दिल्ली इस मुकाबले को जीत पाई है। डेल्ही डेयरडेविल्स की बल्लेबाजी में गहराई है, ऐसे में ये टीम इस बार भी किताब की मजबूत दावेदार नजर आ रही है।
किंग्स इलेवन को ब्रेट ली की कमी जरूर खल रही है, लेकिन वो अगले दस दिनों तक चोट की वजह से टीम में शामिल नहीं हो पाएंगे। ऐसे में यदि किंग्स इलेवन को आईपीएल3 में लंबा सफर तय करना है तो उसे 16 मार्च को गत उपविजेता रॉयल चैलेंजर्स बेगलुरू के खिलाफ धमाकेदार वापसी करनी होगी। वर्ना पिछली बार की तरह टीम एक बार पिछडती ही गई तो फिर उसे उपर उठने का मौका नहीं मिलेगा।
इस मुकाबले की एक खास बात और थी। दोनों ही टीमें नये कप्तान के नेतृत्व में मुकाबले में उतरी थी। दोनों ही टीमों के पूर्व कप्तान युवराज सिंह और वीरेन्द्र सहवाग हालांकि की टीम का हिस्सा थे, लेकिन दोनों का ही बल्ला नहीं चल पाया। कप्तानी और बल्लेबाजी में गंभीर अपने विरोधी संगकारा से बेहतर दिखें और ये ही अंत में निर्णायक साबित हुआ।
आईपीएल का ये तीसरा मुकाबला था और तीनों ही मुकाबले में नतीजा अंतिम ओवर में तय हुआ है। इस मुकाबले में भी भले ही वहीं कहानी दोहराई गई हो, लेकिन ये कभी नहीं लगा की डेयरडेविल्स ये मुकाबल हार सकते है। श्रीसंथ के पहले ओवर को छोड दिया जाए तो किंग्स इलेवन कभी भी मुकाबले में दिखी ही नहीं। डेयरडेविल्स के गेंदबाजों ने विकेट हासिल किए इसके बजाए ये कहना बेहतर होगा कि किंग्स इलेवन के बल्लेबाज ने अपना विकेट उपहार में भेट करते हुए पेवेलियन लौट रहे थे।
सहवाग और फिर दिलशान के एक ही ओवर में आउट हो जाने के बाद गंभीर का वहीं अंदाज नजर आया जो इन्हें इन दिनों मिस्टर डिपेंडेबल का ताज दिला रहा है। डेयरडेविल्स की पारी पूरी तरह उनके ईद गिर्द संवरती रहीं। गौतम ने गेंदबाजों को कोई मौका नहीं दिया। बेहद संयमित और कप्तानी भरी पारी खेलते हुए गंभीर ने टीम को जीत की दहलीज पर ला खडा कर दिया था। गंभीर जब आउट हुए तब डेयरडेविल्स की जीत महज औपचारिकता भर रह गई थी।
किंग्स इलेवन के लिए ये मुकाबला एक बडा झटका है। टीम के सभी खिलाडियों को साथ बैठकर सोचना होगा कि घरेलू मैदान पर टीम की ऐसी बुरी गत क्यों हुई। श्रीसंथ की गेंदबाजी और बोपारा का अर्धशतक छोड किंग्स इलेवन को इस मुकाबले से कुछ भी हासिल नहीं हुआ है। उल्टा जिस तरह बल्लेबाजों ने अपने विकेट थ्रो किए उससे टीम के आत्मविश्वास को जरूर बडा झटका लग सकता है।
मुकाबले के पहले दिनेश कार्तिक ने टीम की गेंदबाजी को लेकर चिंता जताई थी। आज के मुकाबले में टीम के गेंदबाजों में कुछ खास कमी नहीं दिखी, लेकिन टीम का मजबूत पक्ष उसकी बल्लेबाजी है। मजबूत मध्यक्रम के चलते ही दिल्ली इस मुकाबले को जीत पाई है। डेल्ही डेयरडेविल्स की बल्लेबाजी में गहराई है, ऐसे में ये टीम इस बार भी किताब की मजबूत दावेदार नजर आ रही है।
किंग्स इलेवन को ब्रेट ली की कमी जरूर खल रही है, लेकिन वो अगले दस दिनों तक चोट की वजह से टीम में शामिल नहीं हो पाएंगे। ऐसे में यदि किंग्स इलेवन को आईपीएल3 में लंबा सफर तय करना है तो उसे 16 मार्च को गत उपविजेता रॉयल चैलेंजर्स बेगलुरू के खिलाफ धमाकेदार वापसी करनी होगी। वर्ना पिछली बार की तरह टीम एक बार पिछडती ही गई तो फिर उसे उपर उठने का मौका नहीं मिलेगा।
इस मुकाबले की एक खास बात और थी। दोनों ही टीमें नये कप्तान के नेतृत्व में मुकाबले में उतरी थी। दोनों ही टीमों के पूर्व कप्तान युवराज सिंह और वीरेन्द्र सहवाग हालांकि की टीम का हिस्सा थे, लेकिन दोनों का ही बल्ला नहीं चल पाया। कप्तानी और बल्लेबाजी में गंभीर अपने विरोधी संगकारा से बेहतर दिखें और ये ही अंत में निर्णायक साबित हुआ।
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