42 चौकें और 17 छक्के, टी20 मुकाबले की इससे बेहतर दावत और नहीं हो सकती। बशर्ते आप विनिंग टीम में हो। राजस्थान रॉयल्स के प्रशंसकों और खिलाडियों के लिए रनों की ये दावत जीत का स्वाद नहीं चखा सकी। दिल की धडकन को रोक देने वाला मुकाबला जो मुंबईया मसाला फिल्मों से कहीं ज्यादा उतार चढाव भरा रहा, अंत में मुंबईया टीम के हिस्से में ही जीत देकर गया। इस हार के लिए राजस्थान रॉयल्स के गेंदबाजों के अलावा कोई और दोषी नहीं है। अब उन्हें समझ उन नौ गेंदों की कीमत समझ में आ रही होगी। उन नौ वाइड गेंदों की जिसने मुंबई को न केवल नौ रन दिए बल्कि इतनी ही अतिरिक्त गेंदों का फायदा भी उसके बल्लेबाजों को मिला।
राजस्थान रॉयल्स अंत तक मुकाबले में बनी रहीं तो केवल यूसुफ पठान की बदौलत। यूसुफ ने शुरूआती मुकाबले में ही वह शो दिखाया है जिसकी उम्मीद उनसे की जा रही थी। पॉवर और प्लेसमेंट से भरी उनकी पारी ने राजस्थान रॉयल्स को जीत की दहलीज तक पहुंचा ही दिया था। वहीं डोंगरा और झुनझुनवाला ने भी रॉयल्स की उम्मीदों को कुछ बेहतरीन शॉट्स खेलकर अंतिम ओवर तक जिंदा रखा।
मुकाबले के बाद वार्न अपने तीन मुख्य विदेशी साथियों के प्रदर्शन से निराश होंगे। मस्करेनहास, स्मिथ ने बल्ले से वो कमाल नहीं दिखाया जो यूसुफ की कोशिशों को जीत में बदल सकता था। वहीं शान टैट की धार को पहले सचिन ने फिर रायडू और तिवारी ने कुंद कर दिया। ऐसे में यदि यूसुफ आईपीएल के इतिहास का सबसे तेज शतक नहीं लगाते तो टीम की बुरी गत होती।
मुंबई इंडियंस के लिए ये जीत सही मायनों में टीम के संयुक्त प्रयासों की जीत है। सचिन और जयसूर्या ने तेज शुरूआत दी, लेकिन वे टीम को बडी शुरूआत नहीं दे सकें। ऐसे में मुंबई का मध्यक्रम जो अनुभवहीन माना जा रहा था उसके लडखडाने की आशंका थी, लेकिन रायडू और तिवारी ने कमाल कर दिया। उन्होंने बता दिया कि आईपीएल के जरिए उन्हें खुद को दुनिया के सामने साबित करने का जो मौका मिला है वे उसे किसी भी कीमत पर छोडने वाली नहीं है। वहीं तमिलनाडू के सतीश ने दो महत्वपूर्ण रनआउट कर खुद के इरादे भी साफ कर दिए। असनोदकर को उन्होंने कोई मौका नहीं दिया तो यूसुफ उनकी सुझबुझ के सामने अपना विकेट गंवा बैठै। और स्मिथ के कॉट एंड बोल्ड के क्या कहने।
आखिर में बात सचिन की। मास्टर ब्लास्टर पूरे मुकाबले में बिलकुल भी पैनिक नजर नहीं आए। उनके गेंदबाजों की जब यूसुफ धुलाई कर रहे थे, तब भी वह खिलाडियों का हौंसला अफजाई करते नजर आए। आखिर तक वो मिस्टर कूल बने रहें। हालांकि हरभजन सिंह का ना होना उनके लिए सबसे बडे हथियार के बगैर जंग के मैदान में उतरने जैसे था, लेकिन सचिन ने नये खिलाडियों को प्रोत्साहित किया और मुंबई को पहले ही मुकाबले में दो अंक दिला दिए। इस मुकाबले की इससे अलावा दूसरी सबसे बडी खासियत ये रही कि इसमें भारतीय खिलाडियों ने रॉक किया, जो इस लीग इंडियन प्रीमियर लीग कहलाने को सार्थक कर रहा है।
ये मुकाबला बेहद करीबी होगा ओर रनों से भरपूर होगा ऐसी उम्मीद सभी लगाए बैठे थे। ऐसे में सचिन की बात याद आ गई जो उन्होंने टॉस के समय कहीं थी। सचिन से पूछा गया था कि उनकी नजर में इस विकेट पर कितना स्कोर विनिंग टोटल होगा। सचिन का जवाब था, विरोधी टीम से एक रन ज्यादा। मुंबई इंडियंस की जीत का अंतर सचिन की इस बात को सच साबित कर गया। उम्मीद है सचिन की टीम का ये विनिंग रन यूं ही जारी रहेगा।
राजस्थान रॉयल्स अंत तक मुकाबले में बनी रहीं तो केवल यूसुफ पठान की बदौलत। यूसुफ ने शुरूआती मुकाबले में ही वह शो दिखाया है जिसकी उम्मीद उनसे की जा रही थी। पॉवर और प्लेसमेंट से भरी उनकी पारी ने राजस्थान रॉयल्स को जीत की दहलीज तक पहुंचा ही दिया था। वहीं डोंगरा और झुनझुनवाला ने भी रॉयल्स की उम्मीदों को कुछ बेहतरीन शॉट्स खेलकर अंतिम ओवर तक जिंदा रखा।
मुकाबले के बाद वार्न अपने तीन मुख्य विदेशी साथियों के प्रदर्शन से निराश होंगे। मस्करेनहास, स्मिथ ने बल्ले से वो कमाल नहीं दिखाया जो यूसुफ की कोशिशों को जीत में बदल सकता था। वहीं शान टैट की धार को पहले सचिन ने फिर रायडू और तिवारी ने कुंद कर दिया। ऐसे में यदि यूसुफ आईपीएल के इतिहास का सबसे तेज शतक नहीं लगाते तो टीम की बुरी गत होती।
मुंबई इंडियंस के लिए ये जीत सही मायनों में टीम के संयुक्त प्रयासों की जीत है। सचिन और जयसूर्या ने तेज शुरूआत दी, लेकिन वे टीम को बडी शुरूआत नहीं दे सकें। ऐसे में मुंबई का मध्यक्रम जो अनुभवहीन माना जा रहा था उसके लडखडाने की आशंका थी, लेकिन रायडू और तिवारी ने कमाल कर दिया। उन्होंने बता दिया कि आईपीएल के जरिए उन्हें खुद को दुनिया के सामने साबित करने का जो मौका मिला है वे उसे किसी भी कीमत पर छोडने वाली नहीं है। वहीं तमिलनाडू के सतीश ने दो महत्वपूर्ण रनआउट कर खुद के इरादे भी साफ कर दिए। असनोदकर को उन्होंने कोई मौका नहीं दिया तो यूसुफ उनकी सुझबुझ के सामने अपना विकेट गंवा बैठै। और स्मिथ के कॉट एंड बोल्ड के क्या कहने।
आखिर में बात सचिन की। मास्टर ब्लास्टर पूरे मुकाबले में बिलकुल भी पैनिक नजर नहीं आए। उनके गेंदबाजों की जब यूसुफ धुलाई कर रहे थे, तब भी वह खिलाडियों का हौंसला अफजाई करते नजर आए। आखिर तक वो मिस्टर कूल बने रहें। हालांकि हरभजन सिंह का ना होना उनके लिए सबसे बडे हथियार के बगैर जंग के मैदान में उतरने जैसे था, लेकिन सचिन ने नये खिलाडियों को प्रोत्साहित किया और मुंबई को पहले ही मुकाबले में दो अंक दिला दिए। इस मुकाबले की इससे अलावा दूसरी सबसे बडी खासियत ये रही कि इसमें भारतीय खिलाडियों ने रॉक किया, जो इस लीग इंडियन प्रीमियर लीग कहलाने को सार्थक कर रहा है।
ये मुकाबला बेहद करीबी होगा ओर रनों से भरपूर होगा ऐसी उम्मीद सभी लगाए बैठे थे। ऐसे में सचिन की बात याद आ गई जो उन्होंने टॉस के समय कहीं थी। सचिन से पूछा गया था कि उनकी नजर में इस विकेट पर कितना स्कोर विनिंग टोटल होगा। सचिन का जवाब था, विरोधी टीम से एक रन ज्यादा। मुंबई इंडियंस की जीत का अंतर सचिन की इस बात को सच साबित कर गया। उम्मीद है सचिन की टीम का ये विनिंग रन यूं ही जारी रहेगा।
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