माय नेम इज गांगुली, एंड आय एम नॉट ए लूजर।

आईपीएल की इससे बेहतर शुरूआत नहीं हो सकती थी। रोमांच, उतार चढाव और गेंद व बल्‍ले का हर पल संघर्ष, आईपीएल की कुछ ऐसी ही पहचान पहले दो संस्‍करणों में बनी है। आईपीएल ने भारत की सरजमी पर लौटने पर वहीं रोमांच कायम रखा है। उद्घाटन मुकाबले में अंतिम ओवर फेंके जाने तक ये तय नहीं था कि जीतने वाली टीम कौन सी होगी। तेज गेंदबाज ईशांत शर्मा की स्‍लो गेंदों ने कमाल कर दिया और डेक्‍कन चार्जर्स के अंतिम ओवर में जीतने की जो कुछ भी बची खुची उम्‍मीदें थी, उसे खत्‍म कर दिया।

दोनों पारियों में पहले दो ओवर डेक्‍कन चार्जर्स के नाम रहें। चाहे लगातार विकेट लेकर नाइटराइडर्स को बैकफुट पर डालने वाली गेंदबाजी हो या फिर पहले दस ओवर में फ्रंटफुट पर आकर बल्‍लेबाजी करने की। नाइटराइडर्स खुशकिस्‍मत रहीं कि खेल के जिस हिस्‍से में उसका पलडा भारी रहना चाहिए, वहीं उसके बल्‍लेबाजों और गेंदबाजों ने कमाल दिखाया।

कुल मिलाकर इस मुकाबले में दोनों टीमों ने जमकर गलतियां की। अंत में जीत उस टीम को हासिल हुई, जिसके गलतियों का अनुपात कम रहा। नाइटराइडर्स के लिए मुकाबले की शुरूआत किसी नाइटमेयर से कम नहीं थी। टीम ने दो विकेट उस वक्‍त गंवा दिए थे, जब स्‍कोर बोर्ड पर रनों का खाता शून्‍य दर्शा रहा था। उस वक्‍त लग रहा था कि शाहरूख की टीम एक बार फिर पुरानी राहों पर चल पडी है। ऐसे में टीम ने स्‍कोर अच्‍छा खासा खडा कर लिया तो फील्‍डरों ने टीम को नीचा दिखाने में कोई कमी नहीं छोडी। गिलक्रिस्‍ट को शुरूआत में दो रन पर एक मुश्किल जीवनदान मिला तो इसके बाद भी कैच टपकाने का सिलसिला और कुछ मौके पर रन आउट छोडने का सिलसिला बदस्‍तूर जारी रहा। वो तो भला हो डेक्‍कन के बल्‍लेबाजों को जो एक के बाद एक अपने विकेट थ्रो करते चले गए। गिलक्रिस्‍ट, लक्ष्‍मण, गिब्‍स, रोहित और सायमंडस सभी खराब शॉट्स खेलकर आउट हुए। गेंदबाजों का कम इन बल्‍लेबाजों का खुद को आउट कराने में ज्‍यादा योगदान था।
आईपीएल के इस शुरूआती मुकाबले ने भारतीय क्रिकेट को एक बार फिर आत्‍मचिंतन का मौका दे दिया है। पिछले बार की तरह इस बार भी आईपीएल, इंडियन प्रीमियर लीग की बजाए इंटरनेशनल प्रीमियर लीग बनता नजर आ रहा है। मुकाबले में तीन अर्धशतक लगे तीनों विदेशी खिलाडियों के नाम पर रहें। गिलक्रिस्‍ट, मैथ्‍यूज और ओवेस शाह ने कमाल की बल्‍लेबाजी की। गेंदबाजी में भी शुरूआत में चामिंडा वास की गेंदों ने ही जमकर कहर बरपाया। ईशांत शर्मा और लक्ष्‍मीरतन शुक्‍ला के अलावा मुरली कार्तिक और प्रज्ञान ओझा ने ही भारतीय खेमें की थोडी बहुत लाज बचाने का काम किया है। लेकिन लेंगवेल्‍ट, मैथ्‍यूज ने गेंदबाजी में भी बेहतर कमाल दिखाया है।
दो खिलाडियों ने इस मुकाबले में सबसे ज्‍यादा निराश किया। रोहित शर्मा ने पिछले आईपीएल में मैच विनर के रूप में अपनी पहचान कायम की थी। आज उनके पास फिर खुद को इस भूमिका में सफल होते देखने का मौका था, लेकिन उन्‍होंने जो शॉट सिलेक्‍शन किया उसके लिए उन्‍हें अफसोस हो रहा होगा। वहीं टी सुमन ने पिछले आईपीएल में लंबे शॉट्स लगाकर टीम का भरोसा जीता था। ऐसे में जब तक ये दोनों क्रीज पर थे, चार्जर्स का अपर हेंड था। बहरहाल, दादा आज की रात चैन से सो पाएंगे। उनका बल्‍ला नहीं चला इसका अफसोस साफतौर पर बचे हुए उन्‍नीस ओवरों में देखने को मिल रहा है था जब वह डगआउट में बैठे हुए थे। हालांकि, उन्‍होंने लक्ष्‍मीरतन शुक्‍ला को लेकर जो जु‍आं खेला वहीं आखिर में मैच विनिंग साबित हुआ। दादा गांगुली की ये ही आक्रमता उनके क्रिकेटिंग कैरियर की पहचान रहीं है और वो डीवाय पाटिल स्‍टेडियम पर कायम दिखी। हालांकि पहला मुकाबला खेल रहें अनिरूद्ध सिंह ने जरूर थोडी चमक बिखेरी, लेकिन वह भी गिलक्रिस्‍ट की उम्‍मीदों पर पूरी तरह खरे नहीं उतरें।
मुकाबले के पहले ही इस बात का जिक्र किया था कि डेक्‍कन चार्जर्स की मजबूती उसकी बल्‍लेबाजी है तो कोलकाता की जीत का दारोमदार गेंदबाजों पर रहेगा। हुआ वहीं, चार्जर्स के बल्‍लेबाजों पर कोलकाता के गेंदबाज भारी पडे। इस मुका‍बले के बाद पूर्व भारतीय कप्‍तान ये कहलाने का हक जरूर रखता है, माय नेम इज गांगुली, एंड आय एम नॉट ए लूजर।

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